Himachal: हाईकोर्ट ने 15 माननीयों के खिलाफ आपराधिक मामले वापस लेने को दी अनुमति, सीएम सुक्खू को राहत

शिमला – हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री सहित 15 माननीयों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों को वापस लेने की अनुमति दे दी है। कोर्ट ने सरकार के इस आवेदन को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए कहा कि यह नेकनीयती से दायर किया गया है। प्रमुख बिंदु: राजनीतिक द्वेष का आरोप: सरकार ने कोर्ट से 65 मामलों को वापस लेने की अनुमति मांगी थी, जिनके बारे में दावा किया गया था कि वे राजनीतिक द्वेष के कारण दर्ज किए गए थे। कुछ मामलों को वापस लेने से इनकार: कोर्ट ने सुखविंदर सिंह सुक्खू के 3 में से 2, राकेश सिंघा के 26 में से 22, जितेंद्र चौधरी के 4 में से 3, लोकिंदर कुमार के 3 में से 2 और अन्य नेताओं के कुछ मामलों को वापस लेने की अनुमति दी है। हालांकि, विक्रमादित्य सिंह, अनिरुद्ध सिंह और भुवनेश्वर गौड़ सहित कुछ अन्य नेताओं के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने की अनुमति देने से इनकार कर दिया गया है। विशेष अदालतों का गठन: सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार विधायकों और सांसदों के खिलाफ दर्ज मामलों के त्वरित निपटारे के लिए विशेष अदालतों का गठन किया गया है। निष्कर्ष: हाईकोर्ट के इस फैसले से राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है। विपक्षी दल इस फैसले की आलोचना कर रहे हैं और इसे सरकार द्वारा अपने नेताओं को बचाने का प्रयास बता रहे हैं। वहीं, सत्ता पक्ष का कहना है कि ये मामले राजनीतिक द्वेष के कारण दर्ज किए गए थे और इन्हें वापस लेना जरूरी था।     Pls read:Himachal: तीन निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे…

Himachal: तीन निर्दलीय विधायकों के इस्तीफे पर सुनवाई 30 अप्रैल तक टली

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में तीन निर्दलीय विधायकों के इस्तीफों को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई 30 अप्रैल तक के लिए टल गई है। विधायकों ने अपने इस्तीफे स्वीकार न करने और स्पीकर द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी करने के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। मामले की पृष्ठभूमि: देहरा से निर्दलीय विधायक होशियार सिंह चंब्याल, नालागढ़ से केएल ठाकुर और हमीरपुर से आशीष शर्मा ने 22 मार्च को विधानसभा अध्यक्ष और सचिव को अपने इस्तीफे सौंपे थे। राज्यपाल को भी इस्तीफों की प्रतियां दी गई थीं। विधायकों का आरोप है कि स्पीकर ने उनके इस्तीफे स्वीकार नहीं किए और इस्तीफे के कारण बताने के लिए नोटिस जारी किया। विधायकों का पक्ष: विधायकों के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किलों ने अपनी मर्जी से इस्तीफे दिए हैं और उन्हें कारण बताने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि स्पीकर ने भी उनके इस्तीफे की बात स्वीकार की है, फिर भी उन्हें मंजूरी नहीं दी जा रही है। विधायकों का कहना है कि स्पीकर के जवाब से उनकी दुर्भावना जाहिर होती है, जिसमें उन पर राज्यसभा चुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट डालने का दबाव होने का आरोप लगाया गया है। स्पीकर का पक्ष: स्पीकर के वकील ने कहा कि अदालत स्पीकर को उनके संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन करने से नहीं रोक सकती। स्पीकर को इस्तीफे के कारणों की जांच करने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव के बाद ये निर्दलीय विधायक सीआरपीएफ की सुरक्षा में प्रदेश से बाहर रहे और इसी सुरक्षा में आकर अपने इस्तीफे सौंपे, जो दबाव में होने का संकेत देता है। अगली सुनवाई 30 अप्रैल को: दोनों पक्षों की बहस पूरी न होने के कारण हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 30 अप्रैल को तय की है। उस दिन स्पीकर की ओर से बहस पूरी की जाएगी और उसके बाद कोर्ट अपना फैसला सुना सकता है।   Pls read:Himachal: विक्रमादित्य…

Himachal: विक्रमादित्य बोले- बोलने से पहले इतिहास पढ़कर आए कंगना

गोहर/सुंदरनगर: हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे और कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह ने मंडी संसदीय क्षेत्र से अपनी चुनावी यात्रा की शुरुआत कर दी है। इस दौरान उन्होंने भाजपा और अभिनेत्री कंगना रनौत पर जमकर निशाना साधा। कंगना को नसीहत, इतिहास पढ़कर आएं: नाचन विधानसभा के चैलचौक और सुंदरनगर में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलनों में विक्रमादित्य सिंह ने कंगना रनौत को सलाह दी कि वह मंच पर बोलने से पहले देश और प्रदेश का इतिहास पढ़कर आएं। उन्होंने कहा कि कंगना दूसरों को हिंदू विरोधी कहने से पहले अपने गिरेबान में झांक कर देखें। उन्होंने याद दिलाया कि मतांतरण पर कानून बनाने वाला हिमाचल पहला राज्य था और अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि और दशहरा उत्सव में देवी–देवताओं का नजराना और देव सदनों का निर्माण उनके पिता वीरभद्र सिंह ने करवाया था। भाजपा पर भी हमला: विक्रमादित्य सिंह ने भाजपा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी क्षेत्रवाद, जातिवाद का जहर घोलने और व्यक्तिगत आक्षेप लगाने के बजाय मुद्दों और भविष्य की बात करे। उन्होंने कहा कि वह देवी–देवताओं के आशीर्वाद से नई सोच के साथ आगे बढ़ेंगे और मजबूती के साथ चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे भी। पिता की विरासत को आगे बढ़ाने का संकल्प: विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि पार्टी ने उन्हें जब दिल्ली में चुनाव लड़ने की जिम्मेदारी दी तो उन्हें अपने पिता का 1962 का किस्सा याद आ गया, जब उन्हें कॉलेज से बुलाकर महासू सीट से चुनाव लड़ने भेजा गया था। उन्होंने कहा कि वह भी पिता के नक्शे कदम पर चलकर आगे बढ़ेंगे। जयराम ठाकुर पर कटाक्ष: विक्रमादित्य सिंह ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह प्रदेश सरकार के गिरने और मुख्यमंत्री बनने का सपना छोड़ दें। उन्होंने कहा कि सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी और जनता की सेवा करती रहेगी। विक्रमादित्य सिंह के चुनावी मैदान में उतरने से मंडी संसदीय क्षेत्र का चुनाव रोचक हो गया है। देखना होगा कि जनता किस पर अपना भरोसा जताती है।   Pls read:Himachal: बिलासपुर में महिलाओं…

Himachal: बिलासपुर में महिलाओं से नकली पिस्तौल से लूटपाट, पंजाब के पांच आरोपा धरे

बिलासपुर: पंजाब के पटियाला से आए पांच लोगों ने बिलासपुर के दबट में दो महिलाओं से लूटपाट की घटना को अंजाम दिया। आरोपियों ने नकली पिस्तौल दिखाकर महिलाओं के कान से सोने की बालियां और टॉप्स लूट लिए और फरार हो गए। पुलिस ने पीछा कर तीन नाके तोड़ने और पुलिस जवानों पर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश करने के बाद सभी पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। घटना का विवरण: रास्ता पूछने के बहाने लूटपाट: बुधवार शाम दबट गांव में दो महिलाएं, राम प्यारी और सुखदेई, पुल पर बैठी बातें कर रही थीं। इसी दौरान पंजाब नंबर की एक स्विफ्ट कार में सवार पांच लोग आए और उनसे गुरु का लाहौर जाने का रास्ता पूछा। बातों में उलझाकर एक आरोपी ने नकली पिस्तौल निकाली और धमकी देकर महिलाओं के कान से सोने की बालियां और टॉप्स लूट लिए। पुलिस का पीछा, तीन नाके तोड़े: लूटपाट की सूचना मिलते ही पुलिस ने आरोपियों का पीछा किया। आरोपियों ने पुलिस से बचने के लिए तीन नाके तोड़े और पुलिस जवानों पर गाड़ी चढ़ाने की भी कोशिश की। पांचों आरोपी गिरफ्तार: पुलिस ने आखिरकार सभी पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इनमें चार युवक और एक नाबालिग लड़का शामिल है। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान: गौरव गिरी (23 वर्ष), धुंधल, पटियाला अजय कुमार, सासा, पटियाला जसप्रीत कौर (33 वर्ष), अर्बन एस्टेट, पटियाला टिंकू शर्मा (19 वर्ष), बुनेरी, पटियाला एक 15 वर्षीय नाबालिग लड़का पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच कर रही है।   Pls read:Himachal: बागी…

Himachal: बागी विधायकों पर सीएम सुक्खू का हमला, विकास की अनदेखी और ट्रांर्सफर-पोस्टिंग के खेल में थे लिप्त

हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश – मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने धर्मशाला के पूर्व विधायक सुधीर शर्मा और सुजानपुर के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा पर जमकर निशाना साधा है। सुक्खू ने दोनों नेताओं पर अपने क्षेत्र के विकास की अनदेखी करने और केवल अधिकारियों के तबादलों पर ध्यान केंद्रित करने का आरोप लगाया है। तबादला राजनीति और विकास की अनदेखी: सुधीर शर्मा पर गंभीर आरोप: मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि धर्मशाला में अधिकारियों की तैनाती पर सुधीर शर्मा का अनुचित प्रभाव था और उन्होंने विकास कार्यों की बजाय तबादलों को प्राथमिकता दी। क्षेत्र की जरूरतों की अनदेखी: सुक्खू ने शर्मा और राणा दोनों की आलोचना करते हुए कहा कि महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए भी उन्होंने अपने–अपने क्षेत्रों के विकास की जरूरतों को नजरअंदाज किया। स्मार्ट सिटी परियोजना में लापरवाही: मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा के नजदीक होने के बावजूद शर्मा अपने क्षेत्र में कम ही दिखाई देते थे और धर्मशाला की स्मार्ट सिटी परियोजना को बेहतर बनाने के लिए उन्होंने कोई खास प्रयास नहीं किया। भाजपा और बागी विधायकों पर निशाना: भाजपा पर राज्यसभा सीट “चुराने“ का आरोप: सुक्खू ने भाजपा पर धनबल का उपयोग करके राज्यसभा सीट “चुराने“ का आरोप लगाया और कहा कि आगामी लोकसभा और विधानसभा उपचुनावों में जनता इसका जवाब देगी। बागी विधायकों को बताया “बिकाऊ“: मुख्यमंत्री ने कांग्रेस छोड़ने वाले बागी विधायकों की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि उन्होंने पैसे के लिए अपनी ईमानदारी बेची और जनता के विश्वास को ठेस पहुँचाई। अधूरे भुगतान और बदलती वफादारी: सुक्खू ने आरोप लगाया कि राज्यसभा चुनाव में समर्थन के लिए बागी विधायकों को केवल आंशिक भुगतान मिला, जिसके कारण वे इधर–उधर भटकते रहे और अंततः भाजपा में शामिल हो गए। अवैध खनन और भ्रष्टाचार पर जोर: राणा का खनन कारोबार से संबंध: मुख्यमंत्री ने राणा पर अपने क्षेत्र में क्रशर स्थापित करने के लिए बार–बार दबाव बनाने का आरोप लगाया और कहा कि अन्य बागी विधायक भी खनन कारोबार से जुड़े थे। खनन घोटाले का आरोप: सुक्खू ने राज्य में अवैध खनन गतिविधियों में 100 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले का अनुमान लगाया और दोषियों को जल्द ही बेनकाब करने का वादा किया। विकास के वादे और चुनावी आत्मविश्वास: सुजानपुर के विकास का आश्वासन: सुजानपुर के विधायक की भूमिका का भी दावा करते हुए, सुक्खू ने क्षेत्र के विकास को प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया। कांग्रेस की चुनावी रणनीति: उन्होंने कहा कि कांग्रेस जल्द ही लोकसभा और विधानसभा उपचुनावों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा करेगी और सरकार के विकास कार्यों का हवाला देते हुए पार्टी की जीत का भरोसा जताया। भाजपा की “षड्यंत्र“ का जवाब: सुक्खू ने पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सत्ता में वापसी की आकांक्षाओं को खारिज करते हुए कहा कि आगामी चुनावों में जनता भाजपा के “षड्यंत्र“ का जवाब कांग्रेस के पक्ष में मतदान करके देगी।…

Himachal: भाजपा कर रही लोकतंत्र को खत्म करने की साजिश- सीएम सुक्खू

गलोड़। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को गलोड़ में कहा कि कुर्सी के लिए किसी…

Weather Update: मौसम विभाग ने हिमाचल और उत्तराखंड में बारिश का अलर्ट किया जारी

नई दिल्‍ली। आईएमडी ने हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 16 से 18 अप्रैल की बीच बारिश…

Himachal: अनुराग ठाकुर की लोकसभा सीट पर सीएम सुक्खू ने डालेंगे डेरा, पांच दिन रहेंगे हमीरपुर

शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आठ से 13 अप्रैल तक वह अपने गृह जिला हमीरपुर…

Himachal: तालाब में नाहने उतरे तीन बच्चों की दलदल में फंसकर मौत

ऊना। ऊना जिले के रायपुर सहोड़ा गांव में रविवार को तीन बच्चों की तालाब में डूबने…

Himachal: देश में सिर्फ एक गारंटी चलती है, वह है मोदी की गांरटी- अनुराग ठाकुर

शिमला। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के घोषणापत्र और पांच…