नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के कुरनूल में शुक्रवार सुबह एक दर्दनाक बस हादसे में 20 लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। मामले की जांच जारी है, जिसमें शुरुआती तौर पर सामने आया है कि कावेरी ट्रैवल्स की बस ने कई परिवहन नियमों की धज्जियां उड़ाई थीं, जिसके कारण यह भयावह आग लगी।
हैदराबाद से बेंगलुरु जा रही इस बस में आग लगने के पीछे की बड़ी वजहों का खुलासा हुआ है। जानकारी के अनुसार, जिस बस में यह हादसा हुआ, उसमें 234 स्मार्टफोन रखे हुए थे। फोरेंसिक विशेषज्ञों ने आशंका जताई है कि इन फोनों की बैटरियों के फटने से बस में भीषण आग लग गई, जिससे यात्रियों की मौत हो गई।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, स्मार्टफोन की इस खेप की कीमत 46 लाख रुपये थी। इन स्मार्टफोन को हैदराबाद के एक व्यापारी मंगनाथ पार्सल के जरिए बेंगलुरु स्थित एक ई-कॉमर्स कंपनी के लिए भेज रहे थे। लेकिन गंतव्य तक पहुंचने से पहले ही ये फोन फट गए। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि फोन में आग लगने के साथ ही बैटरियों के फटने की आवाज भी सुनाई दी थी।
आंध्र प्रदेश अग्निशमन सेवा विभाग के महानिदेशक पी वेंकटरमन ने बताया कि स्मार्टफोन में विस्फोट के अलावा, बस के एयर कंडीशनिंग सिस्टम में इस्तेमाल होने वाली इलेक्ट्रिक बैटरियां भी फट गईं।
पी वेंकटरमन ने आगे बताया कि ऐसा माना जा रहा है कि शुरुआती आग ईंधन रिसाव के कारण बस के अगले हिस्से में लगी थी। एक बाइक बस के नीचे फंस गई थी, जिससे पेट्रोल के छींटे, गर्मी या चिंगारी के साथ मिलकर आग में बदल गए, जिसने देखते ही देखते पूरी गाड़ी को अपनी चपेट में ले लिया।
महानिदेशक पी वेंकटरमन ने बस के निर्माण में संरचनात्मक दोष भी बताया। उन्होंने बताया कि लोहे के स्थान पर हल्के एल्यूमीनियम का उपयोग किया गया था, जो कि आमतौर पर वाहन का वजन कम करने और गति बढ़ाने के लिए किया जाता है। आपातकाल के दौरान यह एल्यूमीनियम हानिकारक साबित हुआ, जिससे दुर्घटना की गंभीरता और बढ़ गई। गर्मी इतनी अधिक थी कि बस के फर्श पर लगी एल्युमीनियम शीटें पिघल गईं।
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