Naxals: नारायणपुर में सुरक्षाबलों ने ढेर किये 7 नक्सली, मुठभेड़ जारी

नारायणपुर (छत्तीसगढ़): छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई है। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 7 नक्सलियों को मार गिराया है, जबकि कई अन्य नक्सली घायल बताए जा रहे हैं। मुठभेड़ अभी भी जारी है और इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। डीआरजी और एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई पुलिस अधिकारियों के अनुसार, जिला रिजर्व गार्ड (DRG) और स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की एक संयुक्त टीम नक्सल विरोधी अभियान पर निकली थी। इसी दौरान नारायणपुर–कांकेर सीमा क्षेत्र के अबूझमाड़ में नक्सलियों से उनकी मुठभेड़ हो गई। दोनों ओर से हुई गोलीबारी में 7 नक्सली मारे गए हैं। सुरक्षाबलों के सभी जवान सुरक्षित पुलिस ने बताया कि मुठभेड़ में सुरक्षाबलों का कोई जवान हताहत नहीं हुआ है। सभी जवान सुरक्षित हैं और ऑपरेशन जारी है। इलाके में और भी नक्सलियों के छिपे होने की आशंका है। हाल ही में दंतेवाड़ा में भी हुई थी मुठभेड़ इससे पहले 5 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में भी सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में एक नक्सली मारा गया था। नक्सलियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबल नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चला रहे हैं। हाल के महीनों में कई बड़ी सफलताएं भी मिली हैं। सुरक्षाबलों की कार्रवाई से नक्सलियों के हौसले पस्त हुए हैं और उनका दायरा सिमटता जा रहा है।

SC: केजरीवाल के वकील से सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- ट्रायल कोर्ट में जमानत याचिका क्यों नहीं डाली?

नई दिल्ली: कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के वकील से सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया है कि उन्होंने ट्रायल कोर्ट के सामने जमानत याचिका क्यों नहीं दायर की? सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई: न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। पीठ ने केजरीवाल के वकील अभिषेक सिंघवी से पूछा कि उन्होंने ट्रायल कोर्ट में जमानत के लिए कोई अर्जी क्यों नहीं दाखिल की? केजरीवाल के वकील का जवाब: सिंघवी ने कहा कि इसके कई कारण हैं, जिनमें केजरीवाल की गिरफ्तारी ‘अवैध‘ होना भी शामिल है। केजरीवाल फिलहाल तिहाड़ जेल में: दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल को ईडी की कार्रवाई से सुरक्षा देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद ईडी ने 21 मार्च को उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। केजरीवाल फिलहाल न्यायिक हिरासत के तहत तिहाड़ जेल में बंद हैं। सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से मांगा जवाब: सुप्रीम कोर्ट ने 15 अप्रैल को ईडी को नोटिस जारी किया था और केजरीवाल की याचिका पर उससे जवाब मांगा था। हाई कोर्ट ने गिरफ्तारी को ठहराया था सही: हाई कोर्ट ने 9 अप्रैल को केजरीवाल की गिरफ्तारी को बरकरार रखते हुए कहा था कि इसमें कोई अवैधता नहीं है और बार–बार समन जारी करने और जांच में शामिल होने से इनकार करने के बाद ईडी के पास ‘थोड़ा कम विकल्प‘ बचा था। क्या है मामला? यह मामला 2021–22 के लिए दिल्ली सरकार की अब समाप्त हो चुकी आबकारी नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित है। PLs…

BJP: अमित शाह के फर्जी वीडियो मामले में असम से एक गिरफ्तार, रेवंत रेड्डी को भी नोटिस

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के एक फर्जी वीडियो के मामले में दिल्ली और असम पुलिस ने एक्शन तेज कर दिया है। असम से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है, जबकि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के बेटे और मंत्री के. टी. रामाराव को नोटिस भेजा गया है। क्या है मामला? सोशल मीडिया पर अमित शाह के एक भाषण का छेड़छाड़ किया हुआ वीडियो शेयर किया जा रहा था, जिसमें आरक्षण के मुद्दे पर गलत जानकारी दी गई थी। गृह मंत्रालय की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज किया और जांच शुरू कर दी है। असम से एक गिरफ्तार: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने बताया कि इस मामले में असम से रीतम सिंह नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। रेवंत रेड्डी को नोटिस: दिल्ली पुलिस ने वीडियो को शेयर करने के लिए तेलंगाना के मंत्री के. टी. रामाराव को नोटिस भेजा है और उन्हें 1 मई को जांच में शामिल होने के लिए कहा है। जांच जारी: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल इस मामले की जांच कर रही है और वीडियो के स्रोत और इसे फैलाने वालों की पहचान करने का प्रयास कर रही है। पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से भी जानकारी मांगी है।

Manipur: मणिपुर में दो गुटों के बीच गोलीबारी, एक युवक की मौत

इम्फाल – मणिपुर में दो समूहों के बीच हुई गोलीबारी में एक 33 वर्षीय ग्राम स्वयंसेवक की मौत हो गई है। पुलिस के अनुसार, यह घटना शुक्रवार रात कांगपोकी और इंफाल पूर्वी जिलों की सीमा पर सिनम कोम में हुई। गोलीबारी के बाद लापता हुए स्वयंसेवक का शव शनिवार सुबह बरामद किया गया। मृतक की पहचान लैशराम प्रेम के रूप में हुई है। हिंसा को रोकने के लिए इलाके में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब एक दिन पहले ही मणिपुर के नारानसेना इलाके में कुकी उग्रवादियों के हमले में दो सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे। शुक्रवार को मणिपुर में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत एक सीट पर मतदान हुआ। चुनाव अधिकारी ने बताया कि 2019 के लोकसभा चुनाव की तुलना में इस बार हिंसा की घटनाएं काफी कम हुईं और मतदान शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।   PLs read:Manipur: कुकी उग्रवादियों का पुलिस सुरक्षा वाहन पर हमला, एक जवान…

SC: सुप्रीम कोर्ट का EVM पर भरोसा बरकरार, बैलेट पेपर और VVPAT पर्ची मिलान की मांग खारिज

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज एक अहम फैसले में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के इस्तेमाल पर मुहर लगा दी है। कोर्ट ने बैलेट पेपर से चुनाव कराने और EVM से निकलने वाली सभी VVPAT पर्चियों का मिलान कराने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है। फैसले की मुख्य बातें: EVM पर भरोसा: सुप्रीम कोर्ट ने EVM को विश्वसनीय और चुनावों को निष्पक्ष बनाने में कारगर बताया है। पूरी VVPAT पर्ची मिलान की मांग खारिज: कोर्ट ने कहा कि सभी VVPAT पर्चियों का मिलान करना व्यावहारिक नहीं है और इसकी ज़रूरत भी नहीं है। दूसरे और तीसरे नंबर के उम्मीदवारों को राहत: कोर्ट ने चुनाव परिणाम आने के 7 दिन के भीतर दूसरे और तीसरे नंबर पर रहने वाले उम्मीदवारों को दोबारा मतगणना की मांग करने की इज़ाज़त दी है। इसमें माइक्रो कंट्रोलर मेमोरी की जाँच इंजीनियर करेंगे और इसका खर्च उम्मीदवार को उठाना होगा। सिंबल यूनिट भी 45 दिन सील: कोर्ट ने निर्देश दिया है कि कंट्रोल यूनिट की तरह सिंबल यूनिट को भी 45 दिनों तक सील रखा जाए। बारकोड का सुझाव: सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को सुझाव दिया है कि वो VVPAT पर्चियों पर बारकोड लगाने पर विचार करे, ताकि उनकी गिनती ऑटोमेटिक मशीन से की जा सके। पृष्ठभूमि: एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और कुछ अन्य लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर कर EVM में गड़बड़ी की आशंका जताई थी और बैलेट पेपर से चुनाव कराने या सभी VVPAT पर्चियों का मिलान करने की मांग की थी। फैसले का महत्व: सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से भारतीय चुनाव प्रणाली में EVM और VVPAT की विश्वसनीयता पर मुहर लग गई है। इससे यह भी साफ होता है कि कोर्ट को चुनाव आयोग पर पूरा भरोसा है कि वो स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराएगा।     Pls read:US: अमेरिकी…

BJP: यवतमाल में भाषण देते हुए मंच पर बेहोश हुए नितिन गडकरी, अब स्वस्थ

यवतमाल (महाराष्ट्र): केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी बुधवार को यवतमाल में एक चुनावी रैली के दौरान मंच पर अचानक बेहोश होकर गिर पड़े। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहाँ उनकी हालत अब स्थिर बताई जा रही है। मुख्य बिंदु: गडकरी यवतमाल के पुसद में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे तभी वह अचानक लड़खड़ा कर गिर गए। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहाँ डॉक्टरों ने उनकी जाँच की। गडकरी ने बाद में सोशल मीडिया पर बताया कि वह गर्मी के कारण असहज महसूस कर रहे थे, लेकिन अब पूरी तरह से स्वस्थ हैं। वह यवतमाल–वाशिम लोकसभा सीट से शिवसेना उम्मीदवार राजश्री पाटिल के लिए प्रचार कर रहे थे। गडकरी के स्वास्थ्य को लेकर उनके समर्थकों और शुभचिंतकों में चिंता थी, लेकिन उनके स्वस्थ होने की खबर से सभी ने राहत की सांस ली है।   Pls read:BJP: पीएम मोदी बोले- आरक्षण खत्म नहीं…

BJP: पीएम मोदी बोले- आरक्षण खत्म नहीं होने देंगे

टोंक, राजस्थान (6 नवंबर, 2023): राजस्थान के टोंक में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पार्टी और INDIA गठबंधन पर तीखा हमला बोला। उन्होंने विपक्ष पर आरक्षण व्यवस्था को कमजोर करने और राजस्थान के लोगों को बांटने का आरोप लगाया। प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि विपक्ष ने अपने शासनकाल में आरक्षण व्यवस्था के भीतर धर्म–आधारित कोटा शुरू करने की कोशिश की, विशेष रूप से मुस्लिम समुदायों को लक्षित करते हुए। उन्होंने दावा किया कि यह कदम असंवैधानिक था और इसका उद्देश्य केवल वोट बैंक सुरक्षित करना था। “बाबा साहेब आंबेडकर द्वारा दलितों, पिछड़े वर्गों और आदिवासियों को दिए गए आरक्षण अधिकारों को कांग्रेस और INDIA गठबंधन द्वारा निशाना बनाया जा रहा था, जो उन्हें धर्म के आधार पर विभाजित करना चाहते थे,“ पीएम मोदी ने कहा। उन्होंने आगे विपक्ष पर राजनीतिक लाभ के लिए राजस्थान राज्य के भीतर विभाजन पैदा करने की कोशिश करने का आरोप लगाया, और प्रगति और सुरक्षा के लिए एकता के महत्व पर जोर दिया। पीएम मोदी ने अपनी सरकार और संभावित कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के बीच एक स्पष्ट अंतर खींचा, यह सुझाव देते हुए कि बाद के तहत आतंकवाद, सीमा पार से हमले और आंतरिक संघर्ष जैसे मुद्दे बने रहेंगे। “कांग्रेस के अधीन, हमारे सैनिक अभी भी कश्मीर में पथराव का सामना कर रहे होते, हमारी सीमाएँ असुरक्षित होतीं, और बम विस्फोट एक नियमित घटना होती,“ पीएम मोदी ने दावा किया। उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला, जैसे कि सैनिकों के लिए “वन रैंक वन पेंशन“ योजना का कार्यान्वयन और विभिन्न विकास पहल। प्रधानमंत्री ने अपने पहले के आरोप को भी दोहराया कि कांग्रेस पार्टी लोगों की संपत्तियों को जब्त करने और अपने समर्थकों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है। उन्होंने कांग्रेस को अपनी नीतियों के बारे में पारदर्शी होने और जनता की जांच का सामना करने की चुनौती दी। पीएम मोदी ने अपने भाषण का समापन राजस्थान के लोगों को आश्वस्त करते हुए किया कि मौजूदा आरक्षण व्यवस्था उनके नेतृत्व में सुरक्षित रहेगी और इसे धर्म के आधार पर विभाजित नहीं किया जाएगा। उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने और अपनी सरकार के विकास के एजेंडे को जारी रखने की भी प्रतिबद्धता जताई।

SC: सुप्रीम कोर्ट ने 14 साल की दुष्कर्म पीड़िता को 28 हफ्ते की गर्भावस्था पर गर्भपात की दी मंजूरी

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को 14 वर्षीय एक कथित दुष्कर्म पीड़िता को 28 हफ्ते की गर्भावस्था का चिकित्सीय गर्भपात कराने की अनुमति दे दी। शीर्ष अदालत ने अस्पताल द्वारा प्रस्तुत मेडिकल रिपोर्ट को ध्यान में रखकर यह आदेश दिया, जिसमें यह राय दी गई थी कि गर्भावस्था को जारी रखने से नाबालिग के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए लोकमान्य तिलक नगर मेडिकल कॉलेज एंड जनरल हॉस्पिटल (LTMGH) के डीन को निर्देश दिया है कि वह गर्भावस्था को समाप्त करने के लिए मुंबई के सायन में तुरंत डॉक्टरों की एक टीम का गठन करें। इससे पहले, शीर्ष अदालत ने 19 अप्रैल को नाबालिग की मेडिकल जांच का आदेश दिया था। पीड़िता ने 28 हफ्ते के गर्भ को गिराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। मुख्य बिंदु: सुप्रीम कोर्ट ने 14 वर्षीय कथित दुष्कर्म पीड़िता को 28 हफ्ते की गर्भावस्था का चिकित्सीय गर्भपात कराने की इजाज़त दी। अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट ने सुझाव दिया कि गर्भावस्था को जारी रखने से पीड़िता के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। अदालत ने LTMGH अस्पताल को डॉक्टरों की एक टीम गठित करने का निर्देश दिया जो गर्भावस्था को समाप्त करेगी। अदालत ने पहले पीड़िता की चिकित्सा जांच का आदेश दिया था ताकि गर्भपात के संभावित प्रभावों का आकलन किया जा सके। यह मामला किसी नाबालिग द्वारा 28 हफ्ते के गर्भ को गिराने की अनुमति देने पर सुप्रीम कोर्ट का एक महत्वपूर्ण निर्णय है।

BJP: राहुल गांधी को वायनाड में भी सता रहा हार का डर- पीएम मोदी

नांदेड। महाराष्ट्र के नांदेड में एक रैली को संबोधित करते हुए आज पीएम मोदी ने कांग्रेस…

Bangaluru: “जय श्री राम” का नारा लगा रहे तीन युवकों पर बुरी तरह पीटा

बेंगलुरु।राम नवमी के अवसर पर बेंगलुरु में “जय श्री राम” के नारे लगाने वाले तीन युवकों…