नई दिल्ली।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय राजनीति में बड़ा दावा करके सुर्खियां बटोर ली हैं। ईरान और इजरायल के बीच जारी भीषण सैन्य तनाव के बीच ट्रंप ने कहा है कि वह दोनों देशों के बीच शांति समझौता कराने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने इसकी तुलना उस समझौते से की है, जो उनके दावे के अनुसार उन्होंने मई में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सैन्य टकराव के दौरान कराया था।
अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रूथ सोशल’ पर एक पोस्ट में ट्रंप ने लिखा कि इस सिलसिले में फोन पर कई बैठकें और बातचीत हो रही है। उन्होंने विश्वास जताया कि ईरान और इजरायल जल्द ही हमले रोकने के लिए एक समझौते पर पहुंच सकते हैं। अपनी पोस्ट में उन्होंने राष्ट्रपति के तौर पर अपने पिछले कार्यकाल का जिक्र करते हुए उन कई अन्य टकरावों को खत्म कराने का भी दावा किया, हालांकि उनके कई दावों पर पहले भी सवाल उठते रहे हैं।
इस मौके का इस्तेमाल ट्रंप ने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी और मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडन पर निशाना साधने के लिए भी किया। उन्होंने कहा कि बाइडन के कार्यकाल में लिए गए ‘मूर्खतापूर्ण निर्णयों’ के कारण स्थिति बिगड़ी है, जिसे वह अब पटरी पर लाने की कोशिश कर रहे हैं। ट्रंप ने यह भी कहा, “मैं शांति के लिए बहुत कुछ करता हूं लेकिन उसका श्रेय मुझे नहीं मिलता है। ठीक है, आम लोग समझते हैं।” उन्होंने अपने प्रसिद्ध नारे की तर्ज पर ‘मध्य-पूर्व (पश्चिम एशिया) को फिर से महान बनाऊंगा’ का नारा भी दिया।

हालांकि, ट्रंप के दावों का इतिहास विवादित रहा है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि जब उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम में अपनी भूमिका का दावा किया था, तब भारत सरकार ने इसे स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया था। भारत ने हमेशा इस बात पर जोर दिया है कि पाकिस्तान के साथ सभी मामले और समझौते द्विपक्षीय आधार पर ही सुलझाए जाते हैं और इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है। इस पृष्ठभूमि में, उनके ईरान-इजरायल मध्यस्थता के दावे को भी अंतरराष्ट्रीय विश्लेषक सावधानी से देख रहे हैं।
समझौते की बात करने के साथ-साथ ट्रंप ने ईरान को एक कड़ी चेतावनी भी जारी की। उन्होंने इजरायल की हालिया कार्रवाई पर खुशी जाहिर करते हुए यह स्पष्ट किया कि इस हमले में अमेरिका शामिल नहीं था। उन्होंने ईरान को धमकी देते हुए कहा कि वह किसी भी अमेरिकी ठिकाने को निशाना बनाने की गलती न करे, अन्यथा अमेरिका उसे ऐसा सबक सिखाएगा जिसकी उसने कल्पना भी नहीं की होगी। ट्रंप ने यह भी दावा किया कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी इस टकराव को समाप्त होते देखना चाहते हैं।
ट्रंप का यह बयान ऐसे समय में आया है जब वह आगामी राष्ट्रपति चुनावों के लिए प्रचार कर रहे हैं और खुद को एक मजबूत वैश्विक नेता के रूप में प्रस्तुत करने की कोशिश कर रहे हैं, जो जटिल अंतरराष्ट्रीय संघर्षों को सुलझाने में सक्षम है।