नई दिल्ली।
भारतीय क्रिकेट टीम एक नए युग में प्रवेश कर चुकी है, और इसकी सबसे बड़ी और पहली परीक्षा इंग्लैंड की चुनौतीपूर्ण धरती पर होने जा रही है। 20 जून से लीड्स में शुरू होने वाली पांच मैचों की टेस्ट सीरीज सिर्फ एक क्रिकेट मुकाबला नहीं, बल्कि युवा कप्तान शुभमन गिल के नेतृत्व और भारतीय टेस्ट क्रिकेट के भविष्य के लिए एक ऐतिहासिक मोड़ है। रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे दिग्गजों की विदाई के बाद, यह युवा टीम उस इतिहास को बदलने के इरादे से उतर रही है, जो इंग्लैंड में हमेशा भारत के खिलाफ रहा है।
आंकड़े बयां करते हैं चुनौती की गंभीरता
इंग्लैंड में भारत का टेस्ट रिकॉर्ड बेहद निराशाजनक रहा है। अब तक खेले गए 69 टेस्ट मैचों में भारत को केवल नौ में जीत नसीब हुई है, जबकि 38 मैचों में हार का मुंह देखना पड़ा है। 22 मुकाबले ड्रॉ रहे हैं। ये आंकड़े साफ तौर पर दिखाते हैं कि इंग्लैंड की स्विंग और सीम वाली परिस्थितियां भारतीय बल्लेबाजों के लिए हमेशा एक पहेली रही हैं। भारत ने इंग्लैंड में अपनी आखिरी टेस्ट सीरीज जीत 17 साल पहले, 2007 में राहुल द्रविड़ की कप्तानी में हासिल की थी। उस ऐतिहासिक सीरीज के नायक जहीर खान थे, जिन्होंने लॉर्ड्स में नौ विकेट लेकर भारत की जीत की नींव रखी थी। उसके बाद 2011, 2014, और 2018 में भारत ने सीरीज गंवाई, जबकि 2021-22 की सीरीज 2-2 की बराबरी पर छूटी थी।
गिल-पंत की जोड़ी और युवा जोश पर दारोमदार

इस बार टीम की कमान युवा शुभमन गिल के कंधों पर है, जबकि उपकप्तान की भूमिका में जुझारू ऋषभ पंत हैं, जो टीम की रीढ़ बनकर उभर रहे हैं। चयनकर्ताओं ने भविष्य को ध्यान में रखते हुए टीम में युवा चेहरों पर भरोसा जताया है। तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह और बल्लेबाज साई सुदर्शन को पहली बार टेस्ट टीम में शामिल किया गया है, जो उनके लिए एक सपने के सच होने जैसा है। वहीं, घरेलू क्रिकेट में रनों का अंबार लगाने वाले अनुभवी करुण नायर की आठ साल बाद टीम में वापसी हुई है, जो मध्यक्रम को मजबूती देंगे। बल्लेबाजी का मुख्य भार यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल और खुद कप्तान गिल पर होगा, जबकि गेंदबाजी आक्रमण की कमान जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज और अर्शदीप सिंह जैसे तेज गेंदबाज संभालेंगे।
अभ्यास में तकनीक का सहारा
सीरीज की गंभीरता को समझते हुए टीम इंडिया अपनी तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। बेकेनहैम में भारत और भारत ‘ए’ के बीच एक चार दिवसीय अभ्यास मैच खेला जा रहा है। भले ही इसका सीधा प्रसारण नहीं हो रहा हो, लेकिन टीम के परफॉर्मेंस एनालिस्ट हर गेंद और हर गतिविधि को कैमरों में कैद कर रहे हैं। एनालिस्ट हरी प्रसाद मोहन और पुष्कर सावंत ने बताया कि कई कैमरों से वीडियो फीड लेकर महत्वपूर्ण डेटा एकत्र किया जा रहा है, ताकि खिलाड़ियों की तकनीक और रणनीति को और बेहतर बनाया जा सके।
यह सीरीज भारतीय टीम के लिए सिर्फ तकनीकी कौशल की ही नहीं, बल्कि मानसिक दृढ़ता की भी कड़ी परीक्षा होगी। अगर शुभमन गिल के नेतृत्व में यह युवा ब्रिगेड 17 साल का सूखा खत्म कर सीरीज जीतने में कामयाब होती है, तो यह भारतीय क्रिकेट के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा और गिल की कप्तानी को एक यादगार और मजबूत शुरुआत देगा।
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