वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे को लेकर मध्यस्थता की पेशकश की है। इसके साथ ही उन्होंने एक ऐसा सनसनीखेज दावा किया है जिसने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच एक बड़े युद्ध को होने से रोका था, जिसमें परमाणु हथियारों का इस्तेमाल होने वाला था।
व्हाइट हाउस में एक विधेयक पर हस्ताक्षर करने के लिए आयोजित एक समारोह के दौरान, जब उनसे कश्मीर मुद्दे पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “हम उन दोनों (भारत और पाकिस्तान) को एक साथ लाने जा रहे हैं।” ट्रंप ने यह भी बताया कि उन्होंने दोनों देशों के प्रतिनिधियों से पूछा था कि उनके बीच यह दुश्मनी कितने समय से चल रही है। इस पर उन्हें जवाब मिला, “2,000 वर्षों से।” ट्रंप ने मुस्कुराते हुए कहा, “ओह, यह तो एक समस्या है।”
हालांकि, ट्रंप के इस बयान का सबसे चौंकाने वाला हिस्सा उनका यह दावा था कि उन्होंने एक आसन्न युद्ध को टाल दिया था। उन्होंने दोहराया, “मैंने फोन कॉल और व्यापार रोकने की बात करके भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को रुकवा दिया।” ट्रंप ने विस्तार से बताते हुए दावा किया, “हमला करने की बारी पाकिस्तान की थी और वे परमाणु हथियारों का उपयोग करने वाले थे, लेकिन मैंने इसे रोक दिया।”

ट्रंप के इस बयान ने एक नई कूटनीतिक बहस छेड़ दी है। यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने कश्मीर पर मध्यस्थता की पेशकश की हो, लेकिन परमाणु युद्ध को रोकने का दावा उन्होंने पहली बार किया है।
इस मामले पर भारत का रुख हमेशा से स्पष्ट रहा है। भारत सरकार ने बार-बार यह कहा है कि कश्मीर, भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा है और शिमला समझौते के तहत इसका समाधान दोनों देशों को आपसी बातचीत से ही निकालना है। भारत ने किसी भी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की आवश्यकता को सिरे से खारिज किया है।
राष्ट्रपति ट्रंप के इस दावे के बाद यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि भारत और पाकिस्तान की ओर से इस पर क्या प्रतिक्रिया आती है। फिलहाल, ट्रंप के इस बयान को उनके उस व्यक्तित्व का एक और उदाहरण माना जा रहा है, जहाँ वे अक्सर बड़ी और अप्रत्याशित घोषणाएं करने के लिए जाने जाते हैं।
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