नई दिल्ली। अमेरिका और ईरान के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है। परमाणु समझौते पर बातचीत के ठप होने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मध्य पूर्व और पश्चिम एशिया से राजनयिकों, सैन्य परिवारों और कुछ कर्मचारियों को वापस बुला लिया है। ट्रंप ने बढ़ते तनाव का हवाला देते हुए मध्य पूर्व को खतरनाक जगह बताया है।
कर्मचारियों को वापस बुलाने के बारे में पूछे जाने पर ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी कर्मियों को मध्य पूर्व के कुछ देशों से बाहर निकाला जा रहा है क्योंकि यह आगे चलकर एक खतरनाक जगह साबित हो सकती है। उन्होंने कहा कि अमेरिका स्थिति पर नज़र बनाए हुए है और इस संबंध में नोटिस जारी कर दिया गया है।
ट्रंप ने ज़ोर देकर कहा कि ईरान को परमाणु हथियार रखने की अनुमति नहीं दी जाएगी। मध्य पूर्व में तनाव कम करने के उपायों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ईरान परमाणु हथियार नहीं बना सकता और न ही अमेरिका इसे बनाने देगा।
राष्ट्रपति ट्रंप ने राजनयिकों और कर्मचारियों को वापस बुलाने की पुष्टि रायटर की एक रिपोर्ट के बाद की है। रिपोर्ट में कहा गया था कि अमेरिका सुरक्षा जोखिमों के कारण ईरान में अपने दूतावास को आंशिक रूप से खाली करने की तैयारी कर रहा है और अन्य सैन्य कर्मियों को भी मध्य-पूर्व में कुछ स्थानों को छोड़ने की अनुमति दे रहा है।
यह आदेश ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने संकेत दिया है कि इजरायल, जो इस समय गाजा के साथ युद्ध लड़ रहा है, ईरान में परमाणु सुविधाओं पर हमला करने की तैयारी कर रहा है। अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने पुष्टि की है कि ईरान रुके हुए परमाणु समझौते के बावजूद परमाणु हथियार बनाने की दिशा में काम कर रहा है। इस स्थिति में अमेरिका द्वारा अपने कर्मचारियों को वापस बुलाना एक एहतियाती कदम माना जा रहा है। आने वाले दिनों में इस क्षेत्र में तनाव और बढ़ने की आशंका है।
Pls read:US: लॉस एंजिलिस हिंसा पर भड़के ट्रंप, प्रदर्शनकारियों को कहा ‘जानवर’