देहरादून। उत्तराखंड में बढ़ती वित्तीय धोखाधड़ी और साइबर अपराधों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने कमर कस ली है। इसी सिलसिले में उत्तराखंड सचिवालय में वित्त सचिव दिलीप जावलकर की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। यह बैठक भारतीय रिजर्व बैंक की राज्य स्तरीय समन्वय समिति की उस उप समिति की थी जिसका काम वित्तीय धोखाधड़ी की रोकथाम करना है। बैठक के दौरान वित्त सचिव ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे वित्तीय धोखाधड़ी को रोकने के लिए संबंधित विभागों और संगठनों के साथ बेहतर तालमेल बनाएं और तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित करें।
दिलीप जावलकर ने विशेष रूप से मोबाइल ऐप के जरिए हो रही ठगी पर चिंता जताई। उन्होंने पुलिस विभाग को निर्देश दिया कि वे ऐसे मोबाइल ऐप्स के माध्यम से होने वाली धोखाधड़ी को रोकने के लिए उन्नत तकनीकी उपाय विकसित करें। बैठक में राज्य में वित्तीय और साइबर फ्रॉड को रोकने में आ रही व्यावहारिक दिक्कतों पर भी चर्चा हुई और भारतीय रिजर्व बैंक तथा पुलिस विभाग को मिलकर कारगर कदम उठाने को कहा गया।
बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य में वित्तीय धोखाधड़ी से निपटने के लिए एसटीएफ के अंतर्गत एक स्पेशल फाइनेंशियल फ्रॉड यूनिट का गठन किया गया है। वित्त सचिव ने निर्देश दिया कि इस यूनिट में साइबर विशेषज्ञों की तैनाती की जाए और बैंकिंग व वित्तीय संस्थानों के साथ मिलकर काम किया जाए। साइबर अपराधों को रोकने के लिए एक सुझाव यह भी आया कि पुलिस कमांड सेंटर में साइबर क्राइम यूनिट और बैंक के प्रतिनिधि एक साथ मिलकर काम करें। हरियाणा मॉडल का हवाला देते हुए बताया गया कि वहां इस तरह से काम करने पर बैंकिंग चैनलों के अलावा अन्य माध्यमों से होने वाले धन अंतरण में कमी आई है और रिकवरी में तेजी देखने को मिली है।
बैठक में बताया गया कि राज्य में फिलहाल 281 कंपनियां काम कर रही हैं जिनका सत्यापन नियामक संस्थाएं करती हैं। आम जनता को जागरूक करने के लिए फैसला लिया गया कि इन कंपनियों की सूची को राज्य और जिला स्तर की सरकारी वेबसाइटों पर अपलोड किया जाएगा ताकि लोग धोखाधड़ी से बच सकें। इसके अलावा अनियमित जमा योजना प्रतिबंध अधिनियम 2019 के तहत केंद्र सरकार के बीयूडीएस रजिस्ट्री पोर्टल के बारे में भी जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया गया जहां जमा योजनाओं का पूरा विवरण उपलब्ध रहता है।
एक चर्चित मामले का जिक्र करते हुए बताया गया कि लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट एंड थ्रिफ्ट को ऑपरेटिव सोसाइटी द्वारा की गई धोखाधड़ी के मामलों में राज्य में 14 एफआईआर दर्ज की गई हैं और अब इन मामलों की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है। बैठक में संयुक्त सचिव गृह गजेंद्र सिंह, आरबीआई की महाप्रबंधक नीता बेहरामफ्राम, अपर निबंधक सहकारिता ईरा उप्रेती, पुलिस उपाधीक्षक अपराध अनुसंधान विभाग नीरज सेमवाल और सहायक पुलिस अधीक्षक एसटीएफ कुश मिश्रा सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।