Bangladesh: बांग्लादेश में नई सियासी पार्टी के गठन का ऐलान, छात्र समूह ने की ‘नए बांग्लादेश’ की बात

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ढाका: पिछले साल 5 अगस्त को शेख हसीना को सत्ता छोड़ने पर मजबूर करने वाले छात्र समूह ने अब एक नई राजनीतिक पार्टी बनाने का ऐलान किया है। इस छात्र समूह का दावा है कि यह नई पार्टी “नए बांग्लादेश” की आकांक्षाओं को पूरा करेगी।

पार्टी का औपचारिक शुभारंभ ढाका में संसद भवन के दक्षिण में स्थित माणिक मिया एवेन्यू में एक विशाल रैली के साथ होगा। इस बीच, प्रमुख छात्र नेता नाहिद इस्लाम ने मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार से इस्तीफा दे दिया है।

आधुनिक बांग्लादेश बनाने की चाहत

छात्र समूह के एक मंच, “जातियो नागोरिक समिति” की प्रवक्ता सामंता शेरमीन ने बताया कि जुलाई 2024 के विरोध प्रदर्शनों के बाद बांग्लादेश में जो नई उम्मीदें और आकांक्षाएं जगी हैं, उन्हें ध्यान में रखते हुए छात्रों ने नई राजनीतिक पार्टी बनाने का फैसला किया है।

शेरमीन ने कहा कि मौजूदा राजनीतिक दलों की विचारधारा बांग्लादेश के सभी लोगों का प्रतिनिधित्व नहीं करती। छात्र बांग्लादेश को दक्षिण एशिया में एक आधुनिक और महत्वपूर्ण देश के रूप में विकसित करना चाहते हैं।

बांग्लादेश सरकारी दमन का शिकार

सामंता शेरमीन ने आरोप लगाया कि बांग्लादेश पिछले 53 वर्षों से सरकारी दमन का शिकार रहा है और देश की संस्थाओं को नष्ट कर दिया गया है। संस्थाओं का इस्तेमाल पार्टी और व्यक्तिगत स्वार्थों के लिए किया गया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के लोगों के कुछ अधिकार हैं और भविष्य की राजनीति इन्हीं अधिकारों पर आधारित होगी। उन्होंने “अधिकार आधारित राजनीति” और “सेवा की राजनीति” की बात करते हुए “सबको साथ लेकर चलने” पर ज़ोर दिया।

हसीना के बाद यूनुस ने संभाली कमान

पिछले साल जुलाई में बांग्लादेश में आरक्षण के खिलाफ शुरू हुए छात्र आंदोलन ने बाद में शेख हसीना सरकार विरोधी रूप ले लिया था। ढाका में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद 5 अगस्त को शेख हसीना ने पद और देश छोड़ दिया था और तब से भारत में शरण लिए हुए हैं। 8 अगस्त को नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का नेतृत्व संभाला।

सभी के साथ समानता के रिश्ते चाहता है बांग्लादेश

शेरमीन ने स्पष्ट किया कि डॉ. यूनुस किसी राजनीतिक दल जैसे जमात या बीएनपी का प्रतिनिधित्व नहीं करते, बल्कि वे “विद्रोह” का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा कि सभी सलाहकार भी “विद्रोह” का प्रतिनिधित्व करते हैं, न कि किसी राजनीतिक दल का। शेरमीन ने ज़ोर देकर कहा कि सभी देशों के साथ बांग्लादेश के संबंध निष्पक्षता और समानता पर आधारित होने चाहिए। किसी भी प्रकार का अनुदान या ऋण बांग्लादेश की नीतियों में हस्तक्षेप नहीं कर सकता।

मार्च में आ सकते हैं यूएन महासचिव

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस मार्च में बांग्लादेश का दौरा कर सकते हैं। बांग्लादेश में जारी राजनीतिक उथल-पुथल के बीच गुटेरेस का यह दौरा महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे पहले, मंगलवार को बांग्लादेशी सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान ने चेतावनी दी थी कि अगर लोग आपसी मतभेदों को दूर नहीं करते और एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाते रहते हैं तो बांग्लादेश की संप्रभुता खतरे में पड़ सकती है।

 

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