
बांग्लादेश में छात्र आंदोलन के बाद राजनीतिक उथल-पुथल के बीच, वे छात्र नेता जिन्होंने शेख हसीना सरकार के खिलाफ प्रदर्शन का नेतृत्व किया था, अब एक नई राजनीतिक पार्टी बनाने की तैयारी कर रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नई पार्टी की घोषणा शुक्रवार को की जा सकती है। जातीय नागरिक समिति के मुख्य आयोजक सरजिस आलम ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी बनाने की घोषणा की है।
नाहिद इस्लाम का इस्तीफा:
मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के सूचना सलाहकार नाहिद इस्लाम ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने मंगलवार को यूनुस को अपना इस्तीफा सौंपा।
सेना प्रमुख की चिंता और चेतावनी:
बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकार-उज्जमान ने देश में बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने नेताओं को आपसी मतभेद भुलाकर एकजुट होने की अपील की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर नेता इसी तरह एक-दूसरे पर आरोप लगाते रहे तो देश की संप्रभुता खतरे में पड़ सकती है। सेना प्रमुख ने स्पष्ट किया कि उनकी यह अपील किसी निजी एजेंडा से प्रेरित नहीं है, बल्कि देश की भलाई के लिए है।
छात्र आंदोलन और शेख हसीना सरकार का पतन:
पिछले साल सरकारी नौकरियों में आरक्षण खत्म करने की मांग को लेकर छात्रों ने बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए थे। इस आंदोलन ने हिंसक रूप ले लिया था, जिसमें 1200 से ज्यादा लोग मारे गए थे। इस आंदोलन के दबाव में शेख हसीना की सरकार गिर गई और उन्हें अपने परिवार के साथ भारत में शरण लेनी पड़ी।
बांग्लादेश में चुनाव कब?
अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने चुनाव लड़ने में कोई रुचि नहीं दिखाई है। देश में अगले चुनाव कब होंगे, इस पर अभी तक कोई स्पष्टता नहीं है। यूनुस ने संकेत दिया है कि चुनाव 2025 के अंत तक हो सकते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि युवाओं के नेतृत्व वाली नई पार्टी बांग्लादेश के राजनीतिक परिदृश्य को बदल सकती है।
नई पार्टी की संभावित भूमिका:
यह देखना दिलचस्प होगा कि नई पार्टी किस तरह का राजनीतिक एजेंडा लेकर आती है और क्या वह युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा कर पाती है। देश की मौजूदा राजनीतिक अस्थिरता में इस पार्टी की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है। चुनाव में इस पार्टी का प्रदर्शन बांग्लादेश के भविष्य की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभा सकता है।
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