Uttarpradesh: महाशिवरात्रि पर महाकुंभ 2025 का समापन, 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी

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प्रयागराज: महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर महाकुंभ 2025 का समापन हो गया। 45 दिनों तक चले इस भव्य आयोजन में 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई। यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए 25 फरवरी की शाम से ही कुंभ मेले में वाहनों का प्रवेश बंद कर दिया गया था। रात से ही संगम तट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली।

महाकुंभ के अंतिम स्नान का महत्व:

इस साल महाशिवरात्रि पर ग्रहों और नक्षत्रों का दुर्लभ योग बन रहा है, जिसे आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन संगम में स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और ग्रहों के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है। साथ ही, ऐसा भी माना जाता है कि महाशिवरात्रि पर कुंभ स्नान करने से पितरों को शांति मिलती है और पितृदोष दूर होता है।

अंतिम स्नान के शुभ मुहूर्त:

  • ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 5:10 से 6:00 बजे तक

  • अमृत काल: सुबह 7:28 से 9:00 बजे तक

  • संध्या मुहूर्त: सुबह 5:34 से 6:49 बजे तक

  • विजय मुहूर्त: दोपहर 2:29 से 3:15 बजे तक

  • गोधूलि मुहूर्त: शाम 6:17 से 6:42 बजे तक

  • रात्रि मुहूर्त: शाम 6:19 से 7:34 बजे तक

महाकुंभ 2025 में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या:

महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। कुछ प्रमुख स्नान तिथियों पर श्रद्धालुओं की संख्या इस प्रकार रही:

  • 13 जनवरी (पौष पूर्णिमा): 1.70 करोड़

  • 14 जनवरी (मकर संक्रांति): 3.50 करोड़

  • 29 जनवरी (मौनी अमावस्या): 7.64 करोड़

  • 3 फरवरी (बसंत पंचमी): 2.57 करोड़

  • 12 फरवरी (माघ पूर्णिमा): 2 करोड़

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