देहरादून में चल रहे पब्लिक रिलेशन सोसाइटी ऑफ इंडिया यानी पीआरएसआई के राष्ट्रीय अधिवेशन के तीसरे दिन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई और साइबर क्राइम जैसे गंभीर मुद्दों पर चर्चा हुई। सम्मेलन के पांचवें सत्र में एआई की बढ़ती उपयोगिता और चुनौतियों पर मंथन किया गया। विशेषज्ञों ने साफ तौर पर कहा कि आज के दौर में एआई से डरने की जरूरत नहीं है बल्कि इसके प्रति जागरूक होने और खुद को अपडेट करने की जरूरत है।
सत्र के मुख्य वक्ता उत्तराखंड पुलिस के अपर पुलिस अधीक्षक अंकुश मिश्रा ने साइबर सुरक्षा पर महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि एआई के कारण साइबर अपराध करने के तरीके अब और भी ज्यादा हाईटेक और खतरनाक हो गए हैं। लोग घर बैठे साइबर ठगी का शिकार हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि एआई की मदद से किसी की भी आवाज की नकल की जा सकती है और डीपफेक वीडियो बनाए जा सकते हैं। इसलिए अपनी प्रोफेशनल और निजी जानकारी को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है। अंकुश मिश्रा ने सलाह दी कि किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें और सोशल मीडिया पर अपनी निजी जानकारी साझा करने से बचें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर कोई व्यक्ति डीपफेक वीडियो शेयर करता है तो वह भी दोषी माना जाएगा। उन्होंने अभिभावकों से बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रखने की अपील की।
सेल के असिस्टेंट जनरल मैनेजर विनय जयसवाल ने जनसंपर्क क्षेत्र में एआई की भूमिका पर बात की। उन्होंने कहा कि एआई ने संचार को तेज और सटीक बनाया है। आज डेटा एनालिसिस और मीडिया मॉनिटरिंग में एआई एक शक्तिशाली हथियार बन चुका है। हालांकि इसके साथ साइबर क्राइम भी बढ़ा है इसलिए इसका इस्तेमाल नैतिक और सुरक्षित तरीके से होना चाहिए। ग्राफिक हिल यूनिवर्सिटी की असिस्टेंट प्रोफेसर ताहा सिद्दिकी ने बताया कि एआई इंसान की जगह नहीं ले सकता बल्कि उसका सबसे अच्छा सहायक बन सकता है। उन्होंने युवाओं से एआई का सकारात्मक उपयोग सीखने का आह्वान किया।
सम्मेलन के छठवें सत्र में पीआरएसआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष यूएस शर्मा ने कॉरपोरेट कम्युनिकेशन पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि किसी भी संगठन की छवि बनाने में संचार रणनीति अहम होती है। आज के डिजिटल युग में पारदर्शिता और त्वरित प्रतिक्रिया सबसे जरूरी है। आरईसी के मैनेजर कॉरपोरेट कम्युनिकेशन इरफान रसीद ने बताया कि उनके संगठन में पीआर को केवल प्रचार नहीं बल्कि संवाद का जरिया माना जाता है। वहीं आरईसी के ही शुभम पिपलानी ने कहा कि संगठन की उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने में मीडिया और पीआर की भूमिका महत्वपूर्ण है।
टीएचडीसी के चीफ जनरल मैनेजर अमरनाथ त्रिपाठी ने पर्यावरण संरक्षण और टिहरी डैम की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि 2036 तक टिहरी डैम को दुनिया का सबसे बेहतरीन वाटर स्पोर्ट्स डेस्टिनेशन बनाने का लक्ष्य है और इसमें मीडिया की भूमिका अहम रहेगी। पीआरएसआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत पाठक ने सम्मेलन के निष्कर्ष के तौर पर कहा कि एआई एक चुनौती भी है और अवसर भी। सही जानकारी और जागरूकता के साथ इसका इस्तेमाल समाज के विकास में किया जा सकता है। उन्होंने साइबर सुरक्षा के प्रति सजग रहने और जिम्मेदार डिजिटल व्यवहार अपनाने पर जोर दिया।