Mahakumbh : एकता का महापर्व संपन्न, पीएम मोदी ने साझा किए विचार

खबरें सुने

नई दिल्ली: प्रयागराज में 45 दिनों तक चले महाकुंभ 2024 का महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर समापन हो गया। इस दौरान 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई और इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज कराया। महाकुंभ के सफल समापन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने विचार एक ब्लॉग के माध्यम से साझा किए हैं।

‘महाकुंभ एकता का महाकुंभ था’

पीएम मोदी ने अपने ब्लॉग में लिखा, “महाकुंभ संपन्न हुआ, एकता का महायज्ञ संपन्न हुआ। प्रयागराज में एकता के महाकुंभ में पूरे 45 दिनों तक जिस प्रकार 140 करोड़ देशवासियों की आस्था एक साथ, एक समय में इस एक पर्व से आकर जुड़ी, वो अभिभूत करता है!” उन्होंने आगे लिखा कि 22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में उन्होंने देवभक्ति से देशभक्ति की बात कही थी और प्रयागराज के महाकुंभ में इसका साक्षात्कार हुआ। संत-महात्मा, बाल-वृद्ध, महिला-पुरुष, सभी ने एक साथ आकर देश की जागृत चेतना का दर्शन कराया। यह महाकुंभ एकता का महाकुंभ था जहाँ 140 करोड़ देशवासियों की आस्था एक सूत्र में बंधी।

पीएम मोदी ने श्रृंगवेरपुर का भी जिक्र किया जहाँ भगवान राम और निषादराज का ऐतिहासिक मिलन हुआ था। उन्होंने इसे भक्ति और सद्भाव के संगम का प्रतीक बताया जो आज भी एकता और समरसता की प्रेरणा देता है।

‘इस तरह के विराट आयोजन की कोई दूसरी तुलना नहीं’

प्रधानमंत्री ने लाखों श्रद्धालुओं के प्रतिदिन संगम तट की ओर बढ़ते जाने, मां गंगा, यमुना और सरस्वती की त्रिवेणी में स्नान कर आनंद और विश्वास से भर जाने का जिक्र किया। उन्होंने इस आयोजन को आधुनिक युग के प्रबंधन, नियोजन और नीति विशेषज्ञों के लिए अध्ययन का विषय बताया। उन्होंने कहा कि दुनिया में इस तरह के विशाल आयोजन का कोई दूसरा उदाहरण नहीं है जहाँ बिना किसी औपचारिक निमंत्रण या पूर्व सूचना के करोड़ों लोग एकत्रित हों। स्नान के बाद श्रद्धालुओं के चेहरों पर छाया असीम आनंद और संतोष पीएम मोदी के लिए अविस्मरणीय है। उन्होंने इस आयोजन में महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगजनों की सहभागिता की भी सराहना की।

युवाओं का महाकुंभ में आगे आना, बड़ा संदेश

प्रधानमंत्री ने युवा पीढ़ी की भारी संख्या में महाकुंभ में भागीदारी को एक बड़ा संदेश बताया। उन्होंने कहा कि यह दर्शाता है कि युवा पीढ़ी भारतीय संस्कारों और संस्कृति के प्रति समर्पित है और इसे आगे बढ़ाने के लिए संकल्पित है।

बीते कुछ दशकों में पहले कभी नहीं हुआ

पीएम मोदी ने बताया कि प्रयागराज पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या ने नया रिकॉर्ड बनाया है। जो लोग प्रयागराज नहीं पहुँच पाए वे भी इस आयोजन से भावनात्मक रूप से जुड़े रहे। कुंभ से लौटने वालों का गांव-गांव में सम्मान हुआ। प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसा कुछ बीते कुछ दशकों में कभी नहीं हुआ और यह आने वाली कई शताब्दियों की नींव रख गया है। प्रशासन ने पिछले कुंभ के अनुभवों के आधार पर अनुमान लगाया था लेकिन प्रयागराज पहुँचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या अमेरिका की आबादी के दोगुने के बराबर रही।

‘युग परिवर्तन की आहट’

प्रधानमंत्री ने कहा कि आध्यात्मिक क्षेत्र के शोधकर्ता करोड़ों भारतीयों के उत्साह का अध्ययन कर यह पाएंगे कि अपनी विरासत पर गर्व करने वाला भारत नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ रहा है। उन्होंने इसे युग परिवर्तन की आहट बताया जो भारत के नए भविष्य का निर्माण करेगी। उन्होंने कहा कि हजारों वर्षों से महाकुंभ की परंपरा भारत की राष्ट्रीय चेतना को बल देती रही है। हर पूर्णकुंभ में ऋषि-मुनियों और विद्वानों द्वारा 45 दिनों तक समाज की स्थितियों पर मंथन होता था और देश को नई दिशा मिलती थी। हर 6 साल में अर्धकुंभ में इन दिशा-निर्देशों की समीक्षा होती थी। 144 वर्षों के अंतराल पर होने वाले पूर्ण महाकुंभ में पुरानी परंपराओं को त्याग कर नई परंपराओं को अपनाया जाता था। इस बार के पूर्ण महाकुंभ ने विकसित भारत के नए अध्याय का संदेश दिया है।

विकसित भारत के महायज्ञ के लिए जुटना

प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार एकता के महाकुंभ में सभी लोग एक साथ आए, उसी प्रकार हमें विकसित भारत के महायज्ञ के लिए जुटना है। उन्होंने वेद से विवेकानंद और उपनिषद से उपग्रह तक भारत की महान परंपराओं का जिक्र करते हुए कहा कि हमें एकता के महामंत्र को जीवन मंत्र बनाना है और देश सेवा में ही देव सेवा, जीव सेवा में ही शिव सेवा के भाव से खुद को समर्पित करना है।

‘हम अपनी नदियों को निरंतर स्वच्छ रखें’

पीएम मोदी ने नदियों की पवित्रता और स्वच्छता बनाए रखने के अपने संकल्प को दोहराया। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि नदियों को जीवनदायिनी मां का प्रतिरूप मानते हुए उत्सव मनाएं और उन्हें स्वच्छ रखने के अभियान को मजबूत करें। उन्होंने महाकुंभ के विशाल आयोजन को सफल बनाने में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाले उत्तर प्रदेश सरकार, प्रशासन और जनता की भूमिका की सराहना की। उन्होंने सफाईकर्मियों, पुलिसकर्मियों, नाविकों, वाहन चालकों, भोजन बनाने वालों और प्रयागराज के निवासियों के योगदान को भी याद किया।

‘एकता की धारा निरंतर बहती रहेगी’

पीएम मोदी ने कहा कि महाकुंभ का स्थूल स्वरूप महाशिवरात्रि को पूर्णता प्राप्त कर गया है, लेकिन मां गंगा की अविरल धारा की तरह महाकुंभ की आध्यात्मिक चेतना और एकता की धारा निरंतर बहती रहेगी। उन्होंने देशवासियों के परिश्रम, प्रयास और संकल्प से अभिभूत होकर जल्द ही सोमनाथ मंदिर के दर्शन करने और हर भारतीय के लिए प्रार्थना करने की बात कही।

 

Pls read:Delhi: शशि थरूर की पीयूष गोयल के साथ तस्वीर और राजनीतिक हलचल

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *