US: ट्रंप ने भारत-चीन समेत कई देशों पर लगाने की दी ‘जैसे को तैसा’ टैरिफ की चेतावनी

खबरें सुने

वाशिंगटन। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दुनिया भर के कई देशों, जिनमें भारत और चीन प्रमुख हैं, पर जल्द ही पारस्परिक (reciprocal) टैरिफ लगाने की धमकी दी है। उन्होंने कहा कि अमेरिका इन देशों पर “जैसे को तैसा” की तर्ज पर टैरिफ लगाएगा। यह बयान ऐसे समय में आया है जब हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की यात्रा की थी और राष्ट्रपति बाइडेन के साथ व्यापार, रक्षा समेत कई मुद्दों पर बातचीत की थी।

“हम निष्पक्ष होना चाहते हैं”: ट्रंप

शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने कहा कि अमेरिका भी वही शुल्क लगाएगा जो ये देश अमेरिकी वस्तुओं पर लगाते हैं। उन्होंने कहा, “वे हम पर शुल्क लगाते हैं, हम उन पर शुल्क लगाएंगे। हम निष्पक्ष होना चाहते हैं। कोई भी कंपनी या देश, जैसे कि भारत और चीन, जो भी शुल्क लगाते हैं, वही हम भी लगाएंगे।” ट्रंप ने आगे कहा कि उन्होंने ऐसा पहले कभी नहीं किया, लेकिन कोविड महामारी से पहले वे ऐसा करना चाहते थे।

भारत में टैरिफ सबसे अधिक: ट्रंप का दावा

ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपनी पिछली मुलाकातों का जिक्र करते हुए भारत की टैरिफ नीति की आलोचना की। उन्होंने कहा कि भारत में टैरिफ दरें सबसे अधिक हैं, जिससे वहां व्यापार करना मुश्किल हो जाता है। ट्रंप पहले भी कई मौकों पर भारत को “टैरिफ किंग” कह चुके हैं।

टेस्ला और पीएम मोदी की मुलाकात पर टिप्पणी

जब उनसे टेस्ला के सीईओ एलन मस्क और पीएम मोदी की मुलाकात के बारे में पूछा गया, तो ट्रंप ने कहा कि उन्हें लगता है कि मस्क भारत में व्यापार करना चाहते हैं, लेकिन उच्च टैरिफ दरों के कारण वहां व्यापार करना बहुत मुश्किल है।

हार्ले डेविडसन का मामला फिर उठाया

ट्रंप ने एक बार फिर हार्ले डेविडसन का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिकी कंपनियों को ऊंची आयात शुल्क से बचने के लिए विदेशों में उत्पादन इकाइयां स्थापित करने के लिए मजबूर किया जाता है। उन्होंने कहा कि भारत इस मामले में सबसे आगे है। उन्होंने याद दिलाया कि कैसे हार्ले डेविडसन को भारत में ऊंचे टैरिफ के कारण अपनी मोटरसाइकिलें बेचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा था और उसे विनिर्माण इकाई स्थापित करने के लिए मजबूर होना पड़ा था।

भविष्य के लिए संकेत?

हालांकि ट्रंप अब राष्ट्रपति नहीं हैं, लेकिन उनकी यह टिप्पणी रिपब्लिकन पार्टी के भीतर व्यापार नीति पर उनके प्रभाव को दर्शाती है। यह देखना बाकी है कि क्या भविष्य में अमेरिका की व्यापार नीति पर उनका यह रुख कोई असर डालेगा।

 

Pls read:US: काश पटेल बने FBI के पहले भारतीय-अमेरिकी निदेशक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *