US: काश पटेल बने FBI के पहले भारतीय-अमेरिकी निदेशक

खबरें सुने

वाशिंगटन: भारतीय-अमेरिकी काश पटेल ने इतिहास रच दिया है। अमेरिकी सीनेट ने उन्हें संघीय जांच ब्यूरो (FBI) का नया निदेशक नियुक्त करने की मंजूरी दे दी है। 44 वर्षीय पटेल FBI के शीर्ष पद पर पहुँचने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी बन गए हैं। सीनेट ने 51-49 के मतों से उनके नामांकन को मंजूरी दी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने औपचारिक रूप से इस नियुक्ति पर हस्ताक्षर कर दिए हैं, जिससे पटेल FBI के नौवें निदेशक बन गए हैं।

व्हाइट हाउस का बयान:

व्हाइट हाउस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक बयान जारी कर कहा कि पटेल की नियुक्ति राष्ट्रपति ट्रंप के एजेंडे, जिसमें अखंडता की बहाली और कानून के शासन को बनाए रखना शामिल है, को लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बयान में कहा गया है कि FBI अमेरिकी लोगों की सेवा करेगा और अपने मुख्य मिशन पर ध्यान केंद्रित करेगा।

ट्रंप के वफादार समर्थक:

काश पटेल को ट्रंप का वफादार समर्थक माना जाता है। उन्होंने ट्रंप के पहले कार्यकाल में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, पटेल ने अमेरिकी सरकार के भीतर “डीप स्टेट” के रूप में वर्णित तंत्र को खत्म करने की वकालत की है।

गुजराती मूल का परिवार:

काश पटेल का जन्म न्यूयॉर्क में एक गुजराती अप्रवासी परिवार में हुआ था। उनके माता-पिता 1980 के दशक में पूर्वी अफ्रीका से न्यूयॉर्क के क्वींस में आकर बस गए थे। उनका परिवार मूल रूप से भारत के वडोदरा शहर का रहने वाला है, हालाँकि उनके माता-पिता यूगांडा में रहते थे। पटेल ने कानून की डिग्री हासिल की और फ्लोरिडा में पब्लिक डिफेंडर के रूप में अपना करियर शुरू किया, जहाँ उन्होंने राज्य और संघीय अदालतों में लोगों का प्रतिनिधित्व किया।

ट्रंप के पहले कार्यकाल में महत्वपूर्ण भूमिका:

डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान, काश पटेल को रूस की जांच के FBI के संचालन में हाउस रिपब्लिकन में शामिल किया गया था। उन्होंने एक विवादास्पद GOP ज्ञापन, जिसे “काश मेमो” के नाम से जाना जाता है, को तैयार करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस ज्ञापन में ट्रंप के 2016 के राष्ट्रपति अभियान की FBI जांच में पक्षपात का आरोप लगाया गया था। यह दस्तावेज़ रूस की जांच से जुड़े पक्षपातपूर्ण संघर्ष में विवाद का एक प्रमुख बिंदु बन गया।

पटेल के सामने चुनौतियाँ:

FBI निदेशक के रूप में, काश पटेल के सामने कई चुनौतियाँ होंगी। उन्हें FBI की विश्वसनीयता को बहाल करना होगा, जो हाल के वर्षों में राजनीतिक विवादों में घिरी रही है। उन्हें घरेलू आतंकवाद, साइबर अपराध, और अन्य सुरक्षा खतरों से निपटने के लिए भी प्रभावी रणनीतियाँ बनानी होंगी। साथ ही, उन्हें FBI के भीतर विविधता और समावेशिता को बढ़ावा देने पर भी ध्यान देना होगा।

पटेल की नियुक्ति का महत्व:

काश पटेल की नियुक्ति भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है। यह दर्शाता है कि भारतीय-अमेरिकी अमेरिकी समाज में उच्च पदों पर पहुँच रहे हैं और देश के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। पटेल की नियुक्ति से युवा भारतीय-अमेरिकियों को भी प्रेरणा मिलेगी और वे सार्वजनिक सेवा में करियर बनाने के लिए प्रेरित होंगे। यह देखना दिलचस्प होगा कि पटेल अपनी नई भूमिका में कैसे प्रदर्शन करते हैं और FBI को किन दिशाओं में ले जाते हैं।

 

Pls read:US: ट्रंप का दावा: टैरिफ की धमकी से टूटा BRICS, डॉलर को बचाया

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *