
नई दिल्ली: केरल ने रणजी ट्रॉफी के 74 साल के इतिहास में पहली बार फाइनल में जगह बनाकर एक नया अध्याय लिखा है। सेमीफाइनल में गुजरात को एक रोमांचक मुकाबले में हराकर केरल ने यह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। इस जीत में एम. अजहरुद्दीन की शानदार बल्लेबाजी ने अहम भूमिका निभाई।
अजहरुद्दीन की शतकीय पारी:
अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले गए सेमीफाइनल में केरल ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। एम. अजहरुद्दीन ने शानदार 177 रनों की पारी खेलकर केरल को 457 रनों के विशाल स्कोर तक पहुँचाया।
गुजरात की कड़ी टक्कर:
गुजरात ने भी केरल को कड़ी टक्कर दी। प्रियांक पंचाल (148 रन), आर्य देसाई (70 रन) और जयमीत पटेल (70 रन) की उपयोगी पारियों की बदौलत गुजरात केरल के स्कोर के करीब पहुँच गया।
केरल की स्पिन जोड़ी का कमाल:
केरल के स्पिनरों आदित्य सरवटे और जलज सक्सेना ने मैच का रुख मोड़ दिया। दोनों ने मिलकर आठ विकेट चटकाए और गुजरात को पहली पारी में दो रन की बढ़त लेने से रोक दिया।
सचिन बेबी का अहम कैच:
गुजरात को पहली पारी में केरल के स्कोर की बराबरी करने के लिए सिर्फ दो रन चाहिए थे, तभी अरजान नागवासवाला सरवटे की गेंद पर आउट हो गए। नागवासवाला का कैच स्लिप में सचिन बेबी ने लपका। यह कैच मैच का निर्णायक मोड़ साबित हुआ।
कन्कशन सब्स्टीट्यूट पर विवाद:
नागवासवाला का शॉट शॉर्ट लेग पर खड़े सलमान निजार के हेलमेट से टकराया था। इसके बाद निज़ार को स्ट्रेचर पर मैदान से बाहर ले जाया गया और एहतियातन अस्पताल ले जाया गया। केरल टीम ने बताया कि निज़ार को कोई गंभीर चोट नहीं आई है. निज़ार की जगह कन्कशन सब्स्टिट्यूट को मैदान पर उतारा गया, जिस पर विवाद भी हुआ.
केरल का ऐतिहासिक सफर:
क्वार्टर फाइनल में जम्मू-कश्मीर को एक रन से हराकर केरल ने सेमीफाइनल में प्रवेश किया था। यह केरल का दूसरा रणजी सेमीफाइनल था. अब केरल पहली बार रणजी ट्रॉफी फाइनल खेलेगा, जहाँ पूरे राज्य की नज़रें उसकी जीत पर टिकी होंगी।
मुख्य बिंदु:
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केरल ने पहली बार रणजी ट्रॉफी के फाइनल में जगह बनाई.
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एम. अजहरुद्दीन ने 177 रनों की शानदार पारी खेली.
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केरल के स्पिनरों ने आठ विकेट लिए.
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सचिन बेबी ने निर्णायक कैच लपका.
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कन्कशन सब्स्टीट्यूट पर विवाद हुआ.
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