
नई दिल्ली: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक विवादास्पद दावा किया है कि उनकी टैरिफ नीतियों की धमकी के कारण BRICS संगठन टूट गया है। ट्रंप का आरोप है कि BRICS देश अमेरिकी डॉलर को कमजोर करने और एक नई वैश्विक मुद्रा स्थापित करने की कोशिश कर रहे थे, जिसके जवाब में उन्होंने कड़े टैरिफ लगाने की धमकी दी थी।
टैरिफ की धमकी से BRICS में दरार?
ट्रंप ने रिपब्लिकन गवर्नर्स एसोसिएशन की एक बैठक में दावा किया कि BRICS देश अमेरिकी डॉलर के प्रभुत्व को चुनौती देने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कहा कि BRICS देशों ने मिलकर एक नई मुद्रा बनाने की योजना बनाई थी जो डॉलर के विकल्प के रूप में काम करती। इस कथित योजना को विफल करने के लिए ट्रंप ने BRICS देशों को चेतावनी दी थी कि अगर वे डॉलर के खिलाफ कोई कदम उठाते हैं तो अमेरिका उन पर 150% तक टैरिफ लगा देगा। ट्रंप के अनुसार, उनकी इस धमकी के बाद BRICS संगठन टूट गया और अब उसकी गतिविधियाँ बंद हो गई हैं।
“मुझे नहीं पता BRICS का क्या हुआ”: ट्रंप
ट्रंप ने आगे कहा कि 150% टैरिफ की धमकी के बाद उन्होंने BRICS के बारे में कुछ नहीं सुना। उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता कि उनके साथ क्या हुआ?” ट्रंप का यह बयान उनके कार्यकाल के दौरान BRICS देशों के प्रति उनकी आक्रामक व्यापार नीतियों को दर्शाता है।
ट्रंप की लगातार धमकियाँ
ट्रंप ने राष्ट्रपति पद संभालने से पहले ही BRICS देशों को टैरिफ की धमकी देना शुरू कर दिया था। उन्होंने जनवरी में अपनी धमकी दोहराई और फिर फरवरी में कहा कि अगर BRICS देश डॉलर के मुकाबले कोई अन्य मुद्रा अपनाते हैं तो अमेरिका उन पर 100% टैरिफ लगाएगा।
BRICS की वास्तविकता
ट्रंप के दावों के विपरीत, BRICS संगठन न केवल अस्तित्व में है बल्कि विस्तार भी कर रहा है। वर्तमान में BRICS में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के अलावा मिस्र, इथियोपिया, इंडोनेशिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात भी शामिल हो गए हैं। BRICS का उद्देश्य विकासशील देशों के बीच आर्थिक और राजनीतिक सहयोग को बढ़ावा देना है। हालांकि, BRICS देशों ने अभी तक डॉलर के विकल्प के रूप में कोई नई मुद्रा बनाने की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है।
ट्रंप के दावे की विश्वसनीयता पर सवाल
ट्रंप के दावे कि उनकी टैरिफ नीतियों के कारण BRICS टूट गया, तथ्यात्मक रूप से गलत हैं। BRICS न सिर्फ़ मौजूद है बल्कि विस्तार भी कर रहा है। ट्रंप का यह बयान उनकी “America First” नीति का प्रतिबिंब है जिसके तहत वे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और समझौतों के प्रति संशय का भाव रखते थे।
BRICS का महत्व:
BRICS दुनिया के प्रमुख उभरते बाजारों और विकासशील देशों का एक महत्वपूर्ण समूह है। इन देशों की विश्व की आबादी का एक बड़ा हिस्सा है और ये वैश्विक जीडीपी में भी महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। BRICS देशों के बीच व्यापार, निवेश, तकनीकी सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने की क्षमता है।
BRICS का भविष्य:
BRICS देशों के बीच बढ़ते सहयोग से यह संकेत मिलता है कि यह संगठन भविष्य में और मजबूत होगा। BRICS देश वैश्विक शासन में अपनी भागीदारी बढ़ाने और विकासशील देशों के हितों की रक्षा करने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
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