
देहरादून। उत्तराखंड में स्मार्ट मीटर लगने से बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतें कम होंगी और उन्हें कई सुविधाएँ मिलेंगी। प्रमुख सचिव ऊर्जा डॉ. आर मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि स्मार्ट मीटर से रीडिंग और बिलिंग संबंधी शिकायतें कम होंगी क्योंकि मीटर रीडिंग में मानवीय हस्तक्षेप खत्म हो जाएगा। पुराने मीटरों को स्मार्ट मीटर से बदलने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
स्मार्ट मीटर से उपभोक्ताओं को कई लाभ मिलेंगे, जैसे:
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वास्तविक समय में बिजली की खपत की जानकारी: उपभोक्ता मोबाइल ऐप के ज़रिए अपनी बिजली की खपत पर नज़र रख सकेंगे और उसे बेहतर तरीके से प्रबंधित कर सकेंगे।
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तुरंत फ़ॉल्ट की सूचना: बिजली आपूर्ति में किसी भी तरह की रुकावट की सूचना तुरंत विभाग को मिल जाएगी।
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नेट मीटरिंग: रूफटॉप सोलर पैनल लगाने वालों के लिए यह मीटर नेट मीटर की तरह काम करेगा।
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प्रीपेड विकल्प: पोस्टपेड के अलावा, उपभोक्ता चाहें तो प्रीपेड मीटर भी लगवा सकते हैं, जिस पर उन्हें बिजली दरों में 3-4% की छूट मिलेगी।
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बिल भुगतान में आसानी: मोबाइल ऐप या ऑनलाइन रिचार्ज के ज़रिए बिल का भुगतान करने पर ब्याज या विलंब शुल्क नहीं लगेगा।
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बिना रुकावट बिजली आपूर्ति: छुट्टियों या रात में भी प्रीपेड मीटर का बैलेंस खत्म होने पर बिजली आपूर्ति बाधित नहीं होगी।
प्रमुख सचिव ने बताया कि यह एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है और जून 2026 तक 15.88 लाख उपभोक्ताओं, 59,212 ट्रांसफार्मर और 2,602 फीडर में स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर विभाग पहले मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों के आवासों पर स्मार्ट मीटर लगाएगा।
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