
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में 1 अप्रैल से ठंडी बीयर मिलना मुश्किल हो सकता है. 2025-26 की नई आबकारी नीति में कंपोजिट दुकानों में ठंडी बीयर की बिक्री को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है, जिससे शराब विक्रेताओं में असमंजस है।
सरकार ने पिछले हफ़्ते नई आबकारी नीति को मंज़ूरी दे दी है. नई नीति में सबसे बड़ा बदलाव कंपोजिट दुकानें खोलने का है, जहाँ अंग्रेज़ी शराब, बीयर और वाइन एक साथ बेची जा सकेंगी.
ठंडी बीयर पर असमंजस:
शराब विक्रेता वेलफ़ेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष एसपी सिंह का कहना है कि कंपोजिट दुकानों के लिए दुकानों का आकार बढ़ाना होगा। लेकिन नई नीति में यह स्पष्ट नहीं है कि इन दुकानों में ठंडी बीयर बेची जा सकेगी या नहीं. विभाग को इस बारे में जल्द स्पष्टीकरण देना चाहिए.
राजस्व का लक्ष्य 60,000 करोड़:
राज्य में अभी 29,000 शराब की दुकानें हैं, जिनमें 5,900 बीयर की दुकानें शामिल हैं। इनके अलावा कंपोजिट दुकानें भी खोली जाएँगी. सरकार ने अगले वित्त वर्ष में शराब, बीयर, वाइन और भांग की बिक्री से 60,000 करोड़ रुपये राजस्व का लक्ष्य रखा है।
नई नीति की मुख्य बातें:
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कंपोजिट दुकानों को मॉडल शॉप में बदला जा सकेगा, जिसके लिए अलग से शुल्क देना होगा.
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एल्युमिनियम कैन में बिकने वाली भारतीय विदेशी शराब के लिए सेहत सुरक्षा प्रमाणपत्र ज़रूरी होगा.
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ट्रैक एंड ट्रेस शुल्क एक्स-डिस्टिलरी मूल्य के आधार पर तय होगा.
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शराब गोदाम की फ़ीस 2 लाख रुपये होगी.
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विदेशी शराब के निर्यात पर 10 रुपये प्रति लीटर पास फ़ीस लगेगी.
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बिना स्टार रेटिंग वाले होटलों को लाइसेंस फ़ीस पर 10% अतिरिक्त शुल्क देना होगा.
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आयातित बीयर की परमिट फ़ीस 175 रुपये प्रति लीटर होगी.
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सभी दुकानों में दो सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे और जियोफ़ेंसिंग की जाएगी.
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