लखनऊ। उत्तर प्रदेश की जेलों में माफिया का नेटवर्क ध्वस्त करने के लिए योगी सरकार पहली बार जेलों में आईपीएस अधिकारियों की तैनाती बढ़ा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रमुख सचिव, कारागार राजेश कुमार सिंह व नए डीजी जेल एसएन साबत के साथ विशेष बैठक कर जेलों में आईपीएस की निगरानी बढ़ाने का फैसला लिया। अब जेलों में अपराधियों व जेल कर्मियों की मिलीभगत के खेल पर अंकुश लगेगा।
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शासन ने एसपी स्तर के दो आईपीएस अधिकारियों को कारागार विभाग में पूर्णकालिक तैनाती दिए जाने के साथ ही तीन आईपीएस अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार साैंपा है। वर्तमान में कारागार में आईपीएस संवर्ग के चार पद हैं, जिनमें डीजी/आईजी का एक तथा डीआईजी के तीन पद हैं। कारागार विभाग में डीआईजी के कुल नाै पद हैं, जिनमें तीन पद आईपीएस संवर्ग के तथा छह पद कारागार संवर्ग के हैं। इसके अलावा कारागार मुख्यालय में भी डीआईजी का एक पद है।
कारागार संवर्ग के एक डीआईजी एके सिंह मुख्यालय में तैनात हैं। जबकि फील्ड पोस्टिंग पर कोई आईपीएस नहीं है, जिससे जेलों में प्रभावी मॉनिटरिंग नहीं हो पा रही थी। बंदियों व जेल कर्मियों की मिलीभगत के एक के बाद एक बड़े मामले सामने आ रहे थे। जेलों में हुई सेंधमारी की घटनाओं से बड़ी किरकिरी हुई थी। शासन ने इसके चलते ही शुक्रवार को डीजी जेल आनन्द कुमार के स्थान पर डीजी एसएन साबत को कारगार विभाग की कमान सौंपी थी। ।