uttarpradesh : राजनीतिक महत्वाकांक्षा की भेंट चढ़ा दयाशंकर और स्वाति का वैवाहिक रिश्ता, हुआ तलाक

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री दयाशंकर और पूर्व में मंत्री रहीं उनकी पत्नी स्वाति सिंह के बीच शादी के 22 साल बाद तलाक हो गया। लखनऊ की फैमिली कोर्ट ने तलाक का फैसला सुनाया। स्वाति सिंह और दयाशंकर के बीच राजनीतिक रसूख को लेकर विवाद गहरा गया था।

स्वाति सिंह ने 30 दिसंबर 2022 को फैमिली कोर्ट में वाद दाखिल कर तलाक की अर्जी दी थी। इससे पहले साल 2012 में भी तलाक की अर्जी दी थी लेकिन कोर्ट में गैरहाजिर होने के कारण उनकी अर्जी को खारिज कर दिया गया था। पारिवारिक सूत्र बताते हैं कि उस वक्त तलाक तो टल गया था लेकिन दोनों के बीच रिश्ते ठीक नहीं हुए थे।

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साल 2017 जब दयाशंकर सिहं ने मायावती को लेकर एक विवादित बयान दिया तो उनके विधानसभा चुनाव टिकट पर संकट आ गया, ऐसे में स्वाति सिंह को राजनीति में कदम रखना पड़ा। इसके बाद उन्हें सीधे बीजेपी महिला मोर्चा का अध्यक्ष बना दिया गया, फिर विधायक बनीं और मंत्री पद पर भी काबिज रहीं। साल 2022 के चुनाव से पहले दयाशंकर सिंह ने अपनी पत्नी स्वाति सिंह के टिकट का विरोध करते हुए खुद के लिए टिकट मांगा तो रिश्तों की हकीकत सार्वजनिक हो हई। बीजेपी ने ‘एक परिवार एक टिकट’ के फार्मूले के तहत स्वाति सिंह का टिकट काटते हुए दयाशंकर सिंह को बलिया से विधायक उम्मीदवार का टिकट दे दिया। इससे नाराज स्वाति ने दयाशंकर से अलग होने के फैसला किया।

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