चंडीगढ़। रिश्वतखोरी के एक बड़े मामले में फंसे रोपड़ रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) हरचरण भुल्लर को आज सीबीआई अदालत में पेश किया जाएगा। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) अदालत से भुल्लर और उनके कथित बिचौलिए कृष्णन का पुलिस रिमांड मांगने की तैयारी में है ताकि मामले की गहराई तक जांच की जा सके और भ्रष्टाचार के पूरे नेटवर्क का खुलासा किया जा सके।
गुरुवार दोपहर को सीबीआई की टीम ने डीआईजी भुल्लर को रिश्वत मांगने और लेने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने बिचौलिए के माध्यम से फतेहगढ़ साहिब जिले के मंडी गोबिंदगढ़ के एक कबाड़ कारोबारी से आठ लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी। इस मामले की शिकायत कारोबारी ने सीबीआई से की थी, जिसके बाद एजेंसी ने एक सुनियोजित जाल बिछाकर यह कार्रवाई की और डीआईजी को रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
गिरफ्तारी के बाद मेडिकल जांच
गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार सुबह सीबीआई ने डीआईजी हरचरण भुल्लर का मेडिकल करवाया। जांच के दौरान उन्हें चंडीगढ़ के सेक्टर-16 स्थित सरकारी अस्पताल में लाया गया। इस दौरान वे पैंट-शर्ट पहने हुए थे और उनके हाथ में घड़ी थी। उन्होंने मीडिया से बचने के लिए रूमाल से अपना चेहरा ढक रखा था। वे वाहन की पीछे वाली सीट पर बैठे थे और मीडियाकर्मियों के सवालों पर उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
भुल्लर और बिचौलिए के खिलाफ मिले साक्ष्य
सूत्रों के अनुसार, सीबीआई को भुल्लर और उनके बिचौलिए के बीच फोन बातचीत और कुछ लेन-देन से जुड़े महत्वपूर्ण साक्ष्य भी मिले हैं। इन साक्ष्यों से संकेत मिलता है कि यह केवल एक बार का मामला नहीं है, बल्कि आरोपी अधिकारी व्यवसायियों से नियमित रूप से धन की मांग करते थे और यह रिश्वतखोरी का सिलसिला लंबे समय से चल रहा था। सीबीआई का मानना है कि यह मामला एक बड़े भ्रष्टाचार नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है जिसमें और भी लोग शामिल हो सकते हैं।
मामले की गंभीरता को देखते हुए, सीबीआई आज अदालत से लंबा रिमांड मांग सकती है ताकि भ्रष्टाचार के इस पूरे जाल की परतें खोली जा सकें और सभी संबंधित व्यक्तियों की पहचान की जा सके। पंजाब पुलिस महकमे में यह गिरफ्तारी एक बड़े झटके के रूप में देखी जा रही है, क्योंकि यह एक उच्च पदस्थ अधिकारी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों को सामने लाती है। इस मामले की जांच से पंजाब पुलिस की छवि पर भी गहरा असर पड़ सकता है।