Himachal: हिमाचल में शिक्षा क्षेत्र में बड़े सुधारों की घोषणा, भर्ती और प्रमोशन में आएगी तेजी

शिमला। हिमाचल प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने कई बड़े सुधारों की घोषणा की है। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में बुधवार को हुई शिक्षा विभाग की एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक में ये निर्णय लिए गए। इस बैठक में शिक्षा की गुणवत्ता, स्कूलों के बुनियादी ढांचे और खेल सुविधाओं को मजबूत करने पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया।

राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण में लंबी छलांग, शिक्षकों को मिलेगा सम्मान

बैठक के दौरान, शिक्षा मंत्री ने राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (NAS) में हिमाचल प्रदेश के शानदार प्रदर्शन की सराहना की। उन्होंने बताया कि प्रदेश ने 21वें स्थान से 5वें स्थान पर आकर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है, जिसका श्रेय उन्होंने अधिकारियों, कर्मचारियों और शिक्षकों के अथक प्रयासों तथा वर्तमान सरकार की प्रभावी नीतियों को दिया। उन्होंने कहा कि अच्छा प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को सम्मानित किया जाना चाहिए। इसी कड़ी में सरकार ने स्कूल शिक्षकों के लिए शिक्षक पुरस्कार योजना पहले ही शुरू कर दी है। एक नई पहल करते हुए, इस वर्ष से पहली बार कॉलेज शिक्षकों के लिए भी एक पुरस्कार योजना शुरू की जाएगी, और 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर पर यह पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।

बुनियादी ढांचे का विस्तार: मॉडल स्कूल और आदर्श विद्यालय

शिक्षा के स्तर को और बेहतर बनाने के लिए, मंत्री ने राजीव गांधी मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूलों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि 12 नए डे-बोर्डिंग स्कूलों की आधारशिला रखी जा चुकी है, जिन्हें जल्द ही क्रियाशील कर दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, 56 मौजूदा स्कूलों को भी डे-बोर्डिंग स्कूलों के रूप में उन्नत किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को अटल आदर्श विद्यालयों का भौतिक निरीक्षण करने और जल्द से जल्द एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का भी निर्देश दिया।

भर्ती और पदोन्नति में तेजी लाने के निर्देश

बैठक में भर्ती प्रक्रियाओं में तेजी लाने पर भी जोर दिया गया। शिक्षा मंत्री ने 187 दिव्यांग जेबीटी और 194 शास्त्रियों की भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए। साथ ही, ड्राइंग मास्टरों की भर्ती को भी समयबद्ध तरीके से पूरा करने को कहा। अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया कि स्कूलों में वास्तविक छात्र संख्या और आवश्यकताओं के आधार पर शिक्षकों की तैनाती को युक्तिसंगत बनाया जाए। प्रतिनियुक्तियों (डेपुटेशन) की समीक्षा की जाएगी और केवल आवश्यकता के आधार पर ही अनुमति दी जाएगी। उन्होंने खराब प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों और शून्य परिणाम देने वाले स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने पर जोर दिया, जिसमें आवश्यकता पड़ने पर चार्जशीट करना भी शामिल है।

इसके अलावा, मंत्री ने विभाग के अधिकारियों को संयुक्त निदेशक, प्रधानाचार्य, प्रवक्ता (PGT), प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (TGT) और शास्त्रीय एवं अन्य भाषा (C&V) शिक्षकों की पदोन्नति प्रक्रिया में तेजी लाने का निर्देश दिया।

छात्रों और गुमनाम शिक्षकों को भी प्रोत्साहन

मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि विभाग को उन गुमनाम शिक्षकों की भी पहचान और सम्मान करना चाहिए, जो दूर-दराज के क्षेत्रों में चुपचाप गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में योगदान दे रहे हैं। वहीं, मेधावी छात्रों को टैबलेट का समय पर वितरण कर उन्हें प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

उच्च शिक्षा और खेल सुविधाओं पर भी फोकस

उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़े बदलावों की रूपरेखा तैयार की गई। रोहित ठाकुर ने कहा कि अगले शैक्षणिक सत्र से कॉलेजों का युक्तिकरण किया जाएगा। नए कौशल-आधारित और व्यावसायिक विषय शुरू किए जाएंगे। साथ ही, जिन कॉलेजों में मनोविज्ञान और समाजशास्त्र जैसे विषय वर्तमान में नहीं पढ़ाए जा रहे हैं, वहां इन्हें शुरू किया जाएगा।

मंत्री ने कहा कि सरकार खेल के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए भी समान रूप से प्रतिबद्ध है। छात्रों के बीच खेल संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए, हिमाचल प्रदेश अंडर-19 राष्ट्रीय स्तर की कबड्डी और हैंडबॉल प्रतियोगिताओं की मेजबानी करेगा। सरकार इन आयोजनों को पूरी तरह से प्रायोजित करेगी, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर राज्य की छवि को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया कि एथलीटों के लिए आहार और यात्रा भत्ते पहले ही बढ़ा दिए गए हैं और राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के लिए एसी ट्रेन किराए और हवाई यात्रा सहित छात्रावास और यात्रा सहायता प्रदान की गई है।

अंत में, मंत्री ने विभाग के अव्ययित धन की समीक्षा की और उनके उचित उपयोग का निर्देश दिया, विशेष रूप से आपदा के बाद की आवश्यकता के आकलन (PDNA) फंड का, जिसे 75 प्रतिशत से अधिक क्षति वाले स्कूलों के लिए प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने पूरक पुस्तकों को राज्य के इतिहास, संस्कृति और स्थानीय नायकों को शामिल करने के लिए अद्यतन करने और SCERT को पाठ्यक्रम सुधार के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत करने को कहा।

इस बैठक में शिक्षा सचिव राकेश कंवर, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत के शर्मा, स्कूल शिक्षा निदेशक आशीष कोहली और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

 

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