पिथौरागढ़. उत्तराखंड के सीमांत और दुर्गम क्षेत्रों में शुमार पिथौरागढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर अब पूरी तरह बदलने वाली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कड़े निर्देशों और लगातार निगरानी के बाद राज्य में मेडिकल शिक्षा के विस्तार ने नई रफ्तार पकड़ ली है। सरकार की ‘हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज’ की योजना के तहत पिथौरागढ़ में बन रहा राजकीय मेडिकल कॉलेज अब अपने निर्णायक चरण में पहुंच चुका है। कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और सीमित संसाधनों की चुनौतियों को पार करते हुए निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर जारी है।
पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज का परिसर अब लगभग पूरी तरह से आकार ले चुका है। यहां खड़ी हो रही विशाल इमारतें, सुव्यवस्थित ब्लॉक और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर इस बात की गवाही दे रहे हैं कि जल्द ही यह जिला पहाड़ का एक प्रमुख चिकित्सा केंद्र बनकर उभरेगा। स्थानीय जनता में इस परियोजना को लेकर भारी उत्साह है। लोगों का मानना है कि मेडिकल कॉलेज शुरू होने के बाद उन्हें गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए अब हल्द्वानी, देहरादून या अन्य राज्यों के बड़े शहरों की दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। इससे न केवल समय और पैसे की बचत होगी, बल्कि जिले में रोजगार और व्यवसाय के नए अवसर भी पैदा होंगे। सरकार ने इस मेडिकल कॉलेज को 31 मार्च 2026 तक पूरी तरह तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया है और मौजूदा गति को देखते हुए यह लक्ष्य समय पर पूरा होता नजर आ रहा है।
पेयजल निगम द्वारा जारी की गई नवीनतम प्रगति रिपोर्ट परियोजना की सुखद तस्वीर पेश करती है। रिपोर्ट के मुताबिक मेडिकल कॉलेज के अधिकांश प्रमुख ब्लॉक 70 से 95 प्रतिशत तक बनकर तैयार हो चुके हैं। शैक्षणिक ढांचे की बात करें तो फैकल्टी ब्लॉक, लैबोरेट्री ब्लॉक और परीक्षा व लेक्चर थिएटर ब्लॉक का निर्माण कार्य 65 से 80 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है। वहीं, प्रशासनिक कार्यों के लिए बन रहे एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक का काम भी 45 प्रतिशत तक निपटा लिया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इन भवनों के तैयार होते ही फैकल्टी की नियुक्ति और विभागों के गठन का रास्ता साफ हो जाएगा, जो शैक्षणिक सत्र शुरू करने की दिशा में बड़ा कदम होगा।
छात्रों और स्टाफ के रहने की व्यवस्था पर विशेष जोर दिया गया है। हॉस्टल भवनों का निर्माण सबसे तेज गति से हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार बॉयज हॉस्टल 90 प्रतिशत और गर्ल्स हॉस्टल 80 प्रतिशत तक तैयार हो चुके हैं। इसके अलावा आवासीय ब्लॉकों में टाइप-6 और टाइप-4 श्रेणियों के आवास 85 से 96 प्रतिशत तक पूरे हो गए हैं। यह इंफ्रास्ट्रक्चर यहां आने वाले डॉक्टरों, नर्सों और मेडिकल छात्रों को बेहतर जीवन स्तर प्रदान करेगा। अस्पताल परिसर में इमरजेंसी ब्लॉक की रिमॉडलिंग का 90 प्रतिशत और आईपीडी-1 का 75 प्रतिशत काम पूरा हो गया है, जिससे मरीजों को जल्द ही बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी।
स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार ने परियोजना की प्रगति पर संतोष जताया है। उन्होंने कहा कि पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्राथमिकता वाली परियोजनाओं में सबसे ऊपर है। सरकार का संकल्प सीमांत जिले में अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है। उन्होंने बताया कि शेष बचे कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के निर्देश कार्यदायी एजेंसियों को दिए गए हैं। स्वास्थ्य सचिव ने स्पष्ट किया कि लक्ष्य सिर्फ एक मेडिकल कॉलेज खड़ा करना नहीं है, बल्कि इसे राज्य का एक ‘मॉडल मेडिकल इंस्टीट्यूट’ बनाना है, जो आने वाले समय में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का एक मजबूत स्तंभ साबित होगा।