Uttarakhand: चम्पावत में धार्मिक पर्यटन को लगेंगे पंख मुख्य सचिव ने गोल्ज्यू कॉरिडोर और बालेश्वर मंदिर के विकास कार्यों का लिया जायजा – The Hill News

Uttarakhand: चम्पावत में धार्मिक पर्यटन को लगेंगे पंख मुख्य सचिव ने गोल्ज्यू कॉरिडोर और बालेश्वर मंदिर के विकास कार्यों का लिया जायजा

चम्पावत.  उत्तराखंड सरकार प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और ऐतिहासिक धरोहरों को नया रूप देने के लिए लगातार काम कर रही है। इसी कड़ी में मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने मंगलवार को चम्पावत जिले का दौरा किया। उन्होंने यहां के प्रसिद्ध और ऐतिहासिक गोल्ज्यू मंदिर और प्राचीन बालेश्वर मंदिर में दर्शन किए और वहां चल रहे विकास कार्यों की जमीनी हकीकत परखी। मुख्य सचिव का यह दौरा इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि सरकार कुमाऊं क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन को सशक्त बनाने के लिए ‘गोल्ज्यू कॉरिडोर’ जैसी महत्वाकांक्षी परियोजना पर काम कर रही है।

गोल्ज्यू मंदिर परिसर पहुंचने पर मुख्य सचिव ने प्रस्तावित कॉरिडोर परियोजना का बहुत बारीकी से स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों से जाना कि कॉरिडोर का निर्माण कार्य किस गति से चल रहा है और भविष्य में इसका स्वरूप कैसा होगा। इस दौरान लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता मोहन पलड़िया ने मुख्य सचिव के सामने परियोजना का पूरा खाका पेश किया। उन्होंने प्रेजेंटेशन के जरिए परियोजना के सभी घटकों, प्रस्तावित संरचनाओं और आगे की कार्ययोजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने खुद पूरे परिसर का भ्रमण किया और उन जगहों को देखा जहां निर्माण और सौंदर्यीकरण के कार्य किए जाने हैं। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि यह परियोजना धार्मिक आस्था से जुड़ी है, इसलिए इसमें किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि कॉरिडोर के सभी विकास कार्य निर्धारित समयसीमा के भीतर पूरे किए जाएं और निर्माण कार्य में उच्च गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए, ताकि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।

गोल्ज्यू मंदिर के बाद मुख्य सचिव ने ऐतिहासिक बालेश्वर मंदिर का रुख किया। वहां उन्होंने मंदिर परिसर और प्राचीन नौले (जल स्रोत) के सौंदर्यीकरण की जरूरतों का जायजा लिया। बालेश्वर मंदिर अपनी वास्तुकला के लिए जाना जाता है, इसलिए मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि यहां जो भी सौंदर्यीकरण का कार्य हो, वह पुरातत्व विभाग के साथ तालमेल बिठाकर किया जाए। उनका जोर इस बात पर था कि मंदिर के प्राकृतिक और सांस्कृतिक स्वरूप के साथ कोई छेड़छाड़ न हो, बल्कि उसे संरक्षित करते हुए सुविधाओं का विकास किया जाए।

निरीक्षण के बाद मुख्य सचिव ने कहा कि गोल्ज्यू मंदिर और बालेश्वर मंदिर केवल ईंट-पत्थर की इमारतें नहीं हैं, बल्कि ये हमारी सांस्कृतिक आस्था और लोक परंपराओं के महत्वपूर्ण केंद्र हैं। इन धरोहरों का संरक्षण और विकास करना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इन मंदिरों के सौंदर्यीकरण और यहां बेहतर सुविधाओं के विकास से चम्पावत जिले में धार्मिक पर्यटन की संभावनाएं काफी बढ़ जाएंगी। पर्यटकों की संख्या बढ़ने से स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और जिले की आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी।

इस निरीक्षण दौरे के दौरान कुमाऊं मंडलायुक्त दीपक रावत, जिलाधिकारी मनीष कुमार, पुलिस अधीक्षक अजय गणपति और मुख्य विकास अधिकारी डॉ. जी.एस. खाती भी मौजूद रहे। इसके अलावा अपर जिलाधिकारी कृष्णनाथ गोस्वामी और जिला पर्यटन अधिकारी लता बिष्ट समेत विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी मुख्य सचिव के साथ उपस्थित थे।

 

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