शिमला/मंडी। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में हाल ही में हुई मूसलाधार बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई है। इसी आपदा के बीच मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू बुधवार को मंडी जिले के धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र की लौंगणी पंचायत के आपदा प्रभावित सयांथी गांव पहुंचे। यहां उन्होंने हाल ही में हुए बादल फटने की घटना से प्रभावित परिवारों से मुलाकात की, पीड़ितों का दुख-दर्द सुना और जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे राहत एवं पुनर्वास कार्यों की समीक्षा की।
इस विनाशकारी प्राकृतिक आपदा में सयांथी गांव के 61 लोग सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं। बादल फटने से आई बाढ़ और भूस्खलन ने कई घरों, गौशालाओं को नेस्तनाबूद कर दिया और बड़ी संख्या में पशुधन की भी हानि हुई है। जिला प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए प्रभावितों को 1.70 लाख रुपये की फौरी वित्तीय सहायता, राशन, तिरपाल और अन्य आवश्यक राहत सामग्री मुहैया कराई है।
सरकार मजबूती से पीड़ितों के साथ: मुख्यमंत्री सुक्खू
प्रभावित परिवारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने उन्हें सांत्वना दी और विश्वास दिलाया कि सरकार इस संकट की घड़ी में पूरी मजबूती से उनके साथ खड़ी है और उन्हें हरसंभव सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने प्रशासन को प्रभावितों के लिए सर्वोत्तम संभव व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया, “क्षतिग्रस्त घरों के पुनर्निर्माण में मदद के लिए एक विशेष राहत पैकेज दिया जाएगा। इसके अलावा, गाय, बकरी और भेड़ सहित पशुधन के नुकसान के साथ-साथ नष्ट हुई गौशालाओं के लिए भी बढ़ा हुआ मुआवजा प्रदान किया जाएगा।”
‘पलक झपकते ही बह गया पूरा गांव’: पीड़ितों की आपबीती
इस भयावह घटना को याद करते हुए ग्रामीणों ने अपना दुख बयां किया। उन्होंने बताया कि अचानक आई बाढ़ में पलक झपकते ही उनका पूरा गांव बह गया और अब उनके पास आश्रय के लिए तंबू लगाने को भी जमीन का एक टुकड़ा तक नहीं बचा है। कई ग्रामीणों ने कहा, “हममें से कई लोग बाल-बाल बचे और इस खौफनाक मंजर के चश्मदीद गवाह हैं।”

इस पर मुख्यमंत्री ने उन्हें भरोसा दिलाते हुए कहा, “मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि यदि पास में सरकारी जमीन उपलब्ध हुई, तो निश्चित रूप से उन लोगों को आवंटित की जाएगी जिन्होंने अपने घर खो दिए हैं। और यदि पास की जमीन वन भूमि के अंतर्गत आती है, तो इस मामले को केंद्र सरकार के समक्ष उठाया जाएगा।” इसके बाद उन्होंने मंडी-कोटली सड़क को हुए नुकसान का भी निरीक्षण किया।
अभूतपूर्व आपदा, गहन अध्ययन की आवश्यकता
मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में मंडी जिले में मूसलाधार बारिश के कारण व्यापक तबाही हुई है। उन्होंने कहा, “मुझे जानकारी मिली कि सयांथी गांव में 20 घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए और 61 लोगों को सुरक्षित निकालकर राहत शिविरों में पहुंचाया गया।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ठोस चट्टानों वाले स्थानों पर भी भूस्खलन के कारणों का पता लगाने के लिए गहन अध्ययन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, “एक ही रात में 8-10 बादल फटने की घटनाएं पहले कभी नहीं देखी गईं। इस तरह की घटनाओं के कारणों का केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को मिलकर अध्ययन करने की आवश्यकता है।”
उन्होंने यह भी बताया कि मंडी जिले के थुनाग, जंजैहली और बगस्याड़ क्षेत्रों को भी भारी बारिश के कारण भारी नुकसान हुआ है। प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक सेवाओं और सड़कों को बहाल करने के प्रयास युद्धस्तर पर जारी हैं।
मंडी में जान-माल का भारी नुकसान
आधिकारिक विवरण के अनुसार, मंडी जिले में अब तक 10 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 34 अन्य लापता हैं। मृतकों में गोहर उप-मंडल में पांच, थुनाग में तीन, और जोगिंदरनगर व करसोग में एक-एक व्यक्ति शामिल है। प्रशासन द्वारा मृतकों की शिनाख्त की जा रही है।
इस अवसर पर धर्मपुर के विधायक चंद्र शेखर ने संकट की इस घड़ी में बिना समय गंवाए आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने और लोगों का दुख बांटने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। इस दौरान कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया, कांग्रेस नेता पवन ठाकुर, उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन, एसपी मंडी और अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भी उपस्थित रहे।
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