मंडी। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में सोमवार रात और मंगलवार को हुई प्रलयंकारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन ने भयानक तबाही मचाई है, जिससे जिले के हालात बद्तर हो गए हैं। इस आपदा में अब तक 15 लोगों की दर्दनाक मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि बुधवार सुबह सबसे अधिक प्रभावित सराज उपमंडल में चार और शव बरामद किए गए हैं। अभी भी लगभग 30 लोग लापता हैं, जिनकी तलाश में राहत और बचाव दल दिन-रात जुटे हुए हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, जिला प्रशासन ने रक्षा मंत्रालय और भारतीय वायुसेना से तत्काल मदद की गुहार लगाई है।
आपदा का सबसे अधिक कहर मंडी जिले के सराज उपमंडल पर टूटा है, जो बाकी दुनिया से पूरी तरह कट चुका है। यहां कई पुल और सड़कें बह गई हैं, जिससे इस क्षेत्र तक दवाएं, राशन और अन्य आवश्यक खाद्य पदार्थ पहुंचाना लगभग असंभव हो गया है। इसी संकट को देखते हुए, उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने रक्षा मंत्रालय और वायुसेना से हवाई मार्ग के जरिए इन जरूरी वस्तुओं को प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचाने का आग्रह किया है। सराज के अलावा करसोग उपमंडल में भी बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है।
सराज की स्थिति सबसे नाजुक, 50 हजार की आबादी का संपर्क कटा
पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह विधानसभा क्षेत्र सराज की स्थिति सबसे नाजुक बनी हुई है। यहां सड़क, बिजली, पेयजल और दूरसंचार सेवाएं पूरी तरह से ठप हो गई हैं, जिससे लगभग 50 हजार की आबादी का संपर्क बाहरी दुनिया से कट गया है। थुनाग बाजार में 15 से 20 दुकानों में मलबा घुस गया है और कोर्ट परिसर सहित अन्य स्थानों पर खड़े कई वाहन नदी-नालों में बह गए हैं। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर भी अपने क्षेत्र के लिए पैदल ही रवाना हो गए हैं और सैटेलाइट फोन के जरिए लगातार स्थिति का जायजा ले रहे हैं।
राहत और बचाव कार्य जारी, 370 लोगों को बचाया गया
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें युद्धस्तर पर राहत और बचाव कार्यों में जुटी हैं। अब तक मंडी जिले के विभिन्न हिस्सों से 370 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इस आपदा में 24 मकान, 12 पशुशालाएं और एक पुल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जबकि 30 मवेशियों की भी मौत हुई है।
सराज में फंसे लोगों को बचाने के लिए बचाव दल अपनी जान पर खेलकर काम कर रहे हैं। एसडीआरएफ की एक टीम ने सराज के मंझोल से एक गर्भवती महिला और चार घायलों को रेस्क्यू किया। टीम ने इन लोगों को लगभग चार से पांच किलोमीटर तक पैदल पहाड़ी रास्तों पर उठाकर केलोधार तक पहुंचाया, जहां से उन्हें 108 एंबुलेंस के जरिए नेरचौक मेडिकल कॉलेज भेजा गया। इसके अलावा, सराज में स्थित एक उद्यानिकी संस्थान के लगभग 100 विद्यार्थियों को भी सुरक्षित स्थान पर रखा गया है। हालांकि, संपर्क कटने के कारण उनके परिजन परेशान हैं, लेकिन प्रशासन ने उनके सुरक्षित होने की पुष्टि की है।
संचार व्यवस्था बनाए रखने के लिए, उपायुक्त मंडी ने बगस्याड़ से आगे नहीं जा पाने के बाद स्थानीय थाना प्रभारी को सैटेलाइट फोन और वॉकी-टॉकी उपलब्ध कराया है, ताकि सूचनाओं का आदान-प्रदान जारी रह सके।
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