देहरादून. उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में बेलगाम दौड़ती गाड़ियों और लगातार बढ़ते सड़क हादसों पर नकेल कसने के लिए पुलिस ने एक बड़ा और सख्त कदम उठाने का फैसला किया है। शहर की सड़कों पर अब तेज रफ्तार का रोमांच दिखाने वालों की खैर नहीं होगी। यातायात पुलिस ने सड़क सुरक्षा को और अधिक मजबूत बनाने के उद्देश्य से शहर के विभिन्न संवेदनशील इलाकों में 59 अत्याधुनिक कैमरे लगाने की योजना को अंतिम रूप दे दिया है। इन कैमरों के लग जाने के बाद नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले वाहन चालकों का बचना नामुमकिन होगा।
अत्याधुनिक तकनीक से होगी निगरानी
यातायात पुलिस द्वारा लगाए जा रहे ये कैमरे सामान्य सीसीटीवी नहीं हैं, बल्कि ये स्पीड लिमिट वाइलेशन डिटेक्शन (एसएलवीडी) तकनीक से लैस हैं। इन हाईटेक कैमरों को सीधे आईटी पार्क स्थित पुलिस के कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा। वहां बैठी यातायात पुलिस की टीम शहर के चप्पे-चप्पे पर नजर रखेगी। इन कैमरों की खासियत यह है कि ये 24 घंटे सक्रिय रहेंगे। चाहे रात का अंधेरा हो, कम रोशनी हो या खराब मौसम, ये कैमरे वाहनों की नंबर प्लेट और उनकी गति को सटीकता से रिकॉर्ड करने में सक्षम होंगे।
कैसे होगा चालान
जैसे ही कोई वाहन तय सीमा से अधिक रफ्तार में इन कैमरों की नजर में आएगा, सिस्टम तुरंत उसकी फोटो और डेटा कैप्चर कर लेगा। इसके बाद वाहन मालिक का ऑनलाइन चालान कट जाएगा और कुछ ही देर में चालान का संदेश उसके मोबाइल पर पहुंच जाएगा। पुलिस का मानना है कि मैनुअल चालान में कई बार लोग बच निकलते हैं, लेकिन इस डिजिटल व्यवस्था में नियम तोड़ने वालों पर तुरंत कार्रवाई होगी।
इन इलाकों में लगेंगे कैमरे
पुलिस ने इन 59 कैमरों को लगाने के लिए उन स्थानों का चयन किया है जो दुर्घटना संभावित क्षेत्र माने जाते हैं। यातायात पुलिस ने पिछले एक साल के आंकड़ों का विश्लेषण किया है। इसमें सड़क हादसों की संख्या, यातायात का दबाव, सड़क के चौड़ीकरण के पैरामीटर और ब्लैक स्पॉट को आधार बनाया गया है। ऐसे स्थान जहां वाहन चालक अक्सर तेज रफ्तार में गाड़ियां दौड़ाते हैं, उन्हें प्राथमिकता दी गई है।
आंकड़े बता रहे हैं सुधरेंगे हालात
शहर में पहले से ही विभिन्न चौराहों और तिराहों पर 336 कैमरे लगे हुए हैं, जिनके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2025 में जनवरी से सितंबर माह तक लगभग 1.52 लाख चालान किए गए हैं। इनमें से 64,158 चालान कोर्ट भेजे गए, जबकि 88,283 चालान जुर्माने के तौर पर वसूले गए। जिन जगहों पर पहले से कैमरे लगे हैं, वहां वाहनों की गति में नियंत्रण देखा गया है।
अधिकारियों का क्या है कहना
पुलिस अधीक्षक यातायात लोकजीत सिंह का कहना है कि शहर में होने वाले हादसों की सबसे बड़ी वजह ओवरस्पीडिंग ही है। उन्होंने बताया कि ये 59 नए कैमरे लगने के बाद न केवल तेज रफ्तार पर लगाम लगेगी, बल्कि शहर के समग्र यातायात प्रबंधन में भी बड़ा सुधार आएगा। इन कैमरों से मिले डेटा की मदद से पुलिस को भविष्य में सड़क सुधार की योजनाएं बनाने और ब्लैक स्पॉट की पहचान करने में मदद मिलेगी, जिससे यातायात व्यवस्था को और बेहतर बनाया जा सकेगा।