कांगड़ा. हिमाचल प्रदेश की वीर और देवभूमि कांगड़ा में अब श्रद्धालुओं को हरिद्वार जैसी भव्यता और आध्यात्मिकता का अनुभव प्राप्त होगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को यहां नवनिर्मित बाण गंगा घाट का विधिवत उद्घाटन किया। इस लोकार्पण समारोह का सबसे प्रमुख आकर्षण शाम की आरती रही, जिसका शुभारंभ मुख्यमंत्री ने वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच किया। हरिद्वार की तर्ज पर शुरू की गई यह आरती अब बाण गंगा घाट की नियमित विशेषता होगी, जिससे यहां आने वाले हजारों श्रद्धालुओं और पर्यटकों को एक अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव मिलेगा।
शहीद की याद में हुआ निर्माण
इस भव्य घाट के निर्माण के पीछे देश के लिए बलिदान देने वाले एक वीर सपूत की याद जुड़ी हुई है। मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताया कि इस पूरे प्रोजेक्ट पर कुल 2.20 करोड़ रुपये की लागत आई है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण योगदान ‘कैप्टन शैलेश र्यालच फाउंडेशन’ का रहा है। फाउंडेशन ने लगभग 1.5 करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि इस पुनीत कार्य के लिए दान दी है, जबकि शेष करीब 70 लाख रुपये का खर्च कांगड़ा जिला प्रशासन द्वारा वहन किया गया है।
गौरतलब है कि कैप्टन शैलेश नगरोटा बगवां के अंबाड़ी क्षेत्र के रहने वाले थे और 25 साल पहले उन्होंने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। उन्हीं की स्मृति में स्थापित फाउंडेशन ने इस घाट के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो अब उनकी शहादत के प्रतीक के रूप में भी जाना जाएगा।
25 फुट ऊंचा त्रिशूल और आधुनिक सुविधाएं
नवनिर्मित घाट परिसर को बेहद आकर्षक और सुविधायुक्त बनाया गया है। मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि यहां एक विशाल 25 फुट ऊंचा त्रिशूल स्थापित किया जा रहा है, जो दूर से ही श्रद्धालुओं का ध्यान आकर्षित करेगा। श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए यहां एक भव्य आरती मंच तैयार किया गया है। इसके अलावा, महिलाओं और पुरुषों के लिए चेंजिंग रूम, शौचालय, एक आकर्षक स्टेज और सुंदर लैंडस्केप पार्क विकसित किया गया है। रात के समय घाट की सुंदरता को निखारने के लिए बेहतरीन लाइटिंग की व्यवस्था भी की गई है।
सरकार की योजना केवल आरती तक सीमित नहीं है। मुख्यमंत्री ने बताया कि भविष्य में इस स्थान पर योग सत्रों का आयोजन किया जाएगा। साथ ही, विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए भी इस मंच का उपयोग होगा, जिससे यह स्थान सांस्कृतिक चेतना का केंद्र बन सके।
बज्रेश्वरी मंदिर आने वाले भक्तों को मिलेगी राहत
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को देवभूमि के नाम से जाना जाता है और कांगड़ा स्थित माता बज्रेश्वरी मंदिर देश भर के हजारों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। यहां आने वाले भक्त बाण गंगा में पवित्र डुबकी लगाते हैं। अब तक यहां व्यवस्थित घाट की कमी थी, लेकिन इस नए निर्माण से श्रद्धालुओं को स्नान और पूजा-पाठ के लिए एक सुरक्षित और साफ-सुथरा स्थान मिलेगा। यह कदम क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा देगा।
इस अवसर पर आयुष मंत्री यादविंदर गोमा, विधायक संजय अवस्थी, सुरेश कुमार, कमलेश ठाकुर, हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. राजेश शर्मा, एचआरटीसी के उपाध्यक्ष अजय वर्मा, ऊन फेडरेशन के अध्यक्ष मनोज ठाकुर, एपीएमसी कांगड़ा के अध्यक्ष निशु मोंगरा, उपायुक्त हेमराज बैरवा और एसपी अशोक रतन सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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