
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने 33 साल पुराने एक मामले को खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि जब पक्षों ने आपसी सहमति से मामला सुलझा लिया है तो सुनवाई जारी रखना व्यर्थ होगा। यह मामला 1991 की एक घटना से जुड़ा था, जिसमें हत्या के प्रयास का आरोप लगाया गया था।
हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील:
यह मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट के जनवरी 2023 के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर अपील पर आया था। हाईकोर्ट ने कार्यवाही रद्द करने की अर्ज़ी ख़ारिज करते हुए कहा था कि हत्या के प्रयास के मामले में समझौता नहीं हो सकता।
सुप्रीम कोर्ट का तर्क:
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा कि घटना 11 अगस्त 1991 की है और इसमें कोई घायल नहीं हुआ था। सभी परिस्थितियों को देखते हुए यह नहीं कहा जा सकता कि यह अपराध समाज के लिए गंभीर खतरा है। पुलिस ने मामले को बंद करने की रिपोर्ट दी थी, जिसे मुरादाबाद के मजिस्ट्रेट ने खारिज कर दिया था।
महिलाओं का छोटे कपड़े पहनना और गानों पर नाचना अपराध नहीं: कोर्ट
नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने कहा है कि महिलाओं का छोटे कपड़े पहनना और गानों पर नाचना अपराध नहीं है, जब तक कि यह किसी और को परेशान न करे। अदालत ने एक बार में अश्लील नृत्य के आरोप में सात महिलाओं को बरी कर दिया।
पुलिस का आरोप:
पहाड़गंज पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 294 के तहत महिलाओं पर मामला दर्ज किया था। पुलिस का कहना था कि महिलाएं छोटे कपड़े पहनकर अश्लील गानों पर नृत्य कर रही थीं।
अदालत का फैसला:
अदालत ने कहा कि पुलिस अधिकारी ने यह दावा नहीं किया कि नृत्य किसी अन्य व्यक्ति को परेशान कर रहा था। अदालत ने बार के प्रबंधक को भी संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।
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