
देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने छठे राज्य वित्त आयोग का गठन कर दिया है। पूर्व मुख्य सचिव एन रविशंकर को आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि पूर्व IAS अधिकारी पीएस जंगपांगी और डॉ. एमसी जोशी सदस्य होंगे। अपर सचिव वित्त डॉ. अहमद इकबाल आयोग के सचिव नियुक्त किए गए हैं। अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद बर्द्धन ने आयोग के गठन की अधिसूचना जारी की।
आयोग का कार्यकाल एक वर्ष का होगा, जो 1 अप्रैल 2026 से शुरू होने वाले पांच साल की अवधि के लिए अपनी सिफारिशें राज्यपाल को सौंपेगा। इस दौरान आयोग त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों की वित्तीय स्थिति का आकलन करेगा।
आयोग के प्रमुख कार्य:
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करों, शुल्कों, टोल और फीस से प्राप्त आय का पंचायतों और शहरी स्थानीय निकायों के बीच आवंटन।
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स्थानीय निकायों की वित्तीय स्थिति मजबूत करने के उपाय सुझाना।
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स्थानीय निकायों द्वारा लगाए जा सकने वाले करों, शुल्कों आदि का निर्धारण।
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शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का आकलन और सुधार के उपाय सुझाना।
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स्थानीय निकायों में सुधारों के क्रियान्वयन का आकलन और सुधार के उपाय बताना।
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राज्य सरकार के राजस्व संसाधनों, व्यय और कर्ज की स्थिति का आकलन।
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अतिरिक्त संसाधन जुटाने के उपाय सुझाना।
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17वें वित्त आयोग के लिए मुद्दों की पहचान करना।
आयोग के अधिकार:
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किसी भी अधिकारी या प्राधिकरण से सूचना या दस्तावेज़ मांगना।
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किसी भी व्यक्ति को साक्ष्य या दस्तावेज़ प्रस्तुत करने के लिए बुलाना।
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अपनी कार्यवाही की प्रक्रिया स्वयं निर्धारित करना।
यह आयोग राज्य के वित्तीय प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और पंचायतों और शहरी स्थानीय निकायों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा।
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