SC: दहेज उत्पीड़न कानून के दुरुपयोग पर सुप्रीम कोर्ट की चिंता, निर्दोषों को फंसाने पर जताई आपत्ति – The Hill News

SC: दहेज उत्पीड़न कानून के दुरुपयोग पर सुप्रीम कोर्ट की चिंता, निर्दोषों को फंसाने पर जताई आपत्ति

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नई दिल्ली: बेंगलुरु के सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या के मामले ने दहेज उत्पीड़न और संबंधित कानूनों पर बहस छेड़ दी है। इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने आईपीसी की धारा 498ए (दहेज उत्पीड़न) के दुरुपयोग पर चिंता जताई है और अदालतों से ऐसे मामलों में अतिरिक्त सावधानी बरतने का आग्रह किया है ताकि निर्दोष लोग परेशानी में न पड़ें।

सुप्रीम कोर्ट ने ज़ोर दिया कि वैवाहिक विवादों में अक्सर पति के साथ-साथ उसके परिवार के सदस्यों को भी झूठे मामलों में फंसा दिया जाता है। बिना ठोस सबूत या विशिष्ट आरोपों के ऐसे सामान्य आरोपों के आधार पर आपराधिक मुकदमा नहीं चलाया जाना चाहिए। अदालतों को चाहिए कि वे कानून के दुरुपयोग को रोकें और निर्दोष लोगों को अनावश्यक उत्पीड़न से बचाएं।

गुजारा भत्ता तय करने का 8 सूत्रीय फॉर्मूला:

इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने गुजारा भत्ता तय करने के लिए एक 8 सूत्रीय फॉर्मूला भी जारी किया है, जिसमें निम्नलिखित बातों पर विचार किया जाएगा:

  1. दोनों पक्षों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति

  2. पत्नी और बच्चों की ज़रूरतें

  3. दोनों पक्षों की योग्यता और रोजगार

  4. आवेदक की स्वतंत्र आय या संपत्ति

  5. पत्नी का जीवनस्तर

  6. पारिवारिक जिम्मेदारियों के लिए नौकरी छोड़ने पर विचार

  7. मुकदमेबाजी की लागत

  8. पति की आय, देनदारियां और अन्य जिम्मेदारियां

तेलंगाना हाईकोर्ट का फैसला खारिज:

सुप्रीम कोर्ट ने तेलंगाना हाईकोर्ट के उस फैसले को खारिज कर दिया जिसमें एक व्यक्ति, उसके माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मामला रद्द करने से इनकार कर दिया गया था।

बच्चों के भरण-पोषण का ज़ोर:

कोर्ट ने बच्चों के भरण-पोषण के लिए पिता की जिम्मेदारी पर भी ज़ोर दिया और एक मामले में पिता को अपने बेटे के भरण-पोषण के लिए एक करोड़ रुपये देने का आदेश दिया।

 

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