चंडीगढ़। पंजाब में अपनी खोई हुई सियासी जमीन वापस पाने और 2027 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस पार्टी ने संगठन को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। पार्टी ने अब पंजाब में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी यानी एआईसीसी के तीन सचिवों को जिम्मेदारी सौंपी है। यह फैसला इसलिए भी खास है क्योंकि करीब दो दशकों में ऐसा पहली बार हुआ है जब कांग्रेस ने सचिव स्तर के तीन सह प्रभारियों को पंजाब में तैनात किया है।
इससे पहले केवल रविंदरा दलवी ही सह प्रभारी के रूप में पंजाब में सारी जिम्मेदारी निभा रहे थे। लेकिन अब उनके साथ सूरज ठाकुर और हिना कावारे को भी इस अहम काम में लगाया गया है। प्रदेश प्रभारी भूपेश बघेल ने राज्य के जिलों और पार्टी के विभिन्न विंगों को तीन हिस्सों में बांटकर तीनों सचिवों को अलग अलग जिम्मेदारियां सौंपी हैं ताकि काम में तेजी और सुचारू रूप से संचालन हो सके।
जिम्मेदारियों के बंटवारे के तहत सूरज ठाकुर को पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन, कपूरथला, होशियारपुर, एसबीएस नगर और रूपनगर का प्रभार दिया गया है। वहीं रविंदरा दलवी को जालंधर, लुधियाना, मोगा, फिरोजपुर, फाजिल्का, श्री मुक्तसर साहिब, फरीदकोट और बठिंडा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। तीसरी सचिव हिना कावारे को मोहाली, फतेहगढ़ साहिब, खन्ना, संगरूर, बरनाला, मालेरकोटला और पटियाला का प्रभार मिला है। इसके अलावा पार्टी के विभिन्न विंगों का काम भी तीनों सचिवों के बीच बांटा गया है।
यह कदम साफ दर्शाता है कि कांग्रेस 2027 के विधानसभा चुनाव को लेकर कितनी गंभीर है। 2022 के चुनाव में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा था और वह महज 18 सीटों पर सिमट कर रह गई थी। ऐसे में अब पार्टी कोई भी कसर नहीं छोड़ना चाहती और संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रही है। इन नियुक्तियों के जरिए पार्टी का मकसद कार्यकर्ताओं में नई जान फूंकना और चुनावी तैयारियों को धार देना है।