देहरादून। केंद्र सरकार के प्रगति पोर्टल की सफलता से प्रेरणा लेते हुए उत्तराखंड सरकार ने भी अब राज्य में विकास योजनाओं की निगरानी के लिए एक नई व्यवस्था शुरू करने का फैसला किया है। मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सोमवार को सचिवालय में पीएम प्रगति के तहत योजनाओं की समीक्षा बैठक के दौरान यह बड़ा ऐलान किया। उन्होंने निर्देश दिए कि जनवरी 2026 से प्रदेश में भी स्टेट प्रगति की शुरुआत की जाए। इसके तहत हर महीने का एक दिन तय किया जाएगा जिस दिन राज्य और केंद्र सरकार की फ्लैगशिप और अत्यंत महत्वपूर्ण योजनाओं की गहन समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी।
मुख्य सचिव ने पीएमश्री योजना की प्रगति का जायजा लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि चिह्नित स्कूलों में कंप्यूटर और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला यानी आईसीटी लैब, स्मार्ट क्लासेस और लाइब्रेरी की व्यवस्था जल्द से जल्द की जाए। उन्होंने इसके लिए ईएफसी और डीएफसी समेत अन्य जरूरी कार्यों को मार्च तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। मुख्य सचिव ने कहा कि काम समय पर पूरा हो इसके लिए विभागीय अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी जाए और नियमित रूप से इसकी मॉनिटरिंग की जाए।
शिक्षा में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक और अहम पहल की गई है। मुख्य सचिव ने अटल टिंकरिंग लैब की तर्ज पर स्टेट फंड से भी स्कूलों में टिंकरिंग लैब तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इन लैब्स में ऐसे नवाचारी और जिज्ञासु प्रवृत्ति के शिक्षकों को तैनात किया जाना चाहिए जो बच्चों की छिपी हुई प्रतिभा को निखार सकें। उन्होंने सुझाव दिया कि शुरुआत में 10 से 12 स्कूलों को मॉडल के तौर पर तैयार कर वहां प्रोटोटाइप मॉडल बनवाए जाएं जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले सकें।
जिन प्राथमिक स्कूलों में अपने खेल के मैदान नहीं हैं उनके लिए भी चिंता जताई गई। मुख्य सचिव ने कहा कि ऐसे स्कूलों के लिए आसपास खेल के मैदान की व्यवस्था की जाए और इसके लिए जिलाधिकारियों को क्षेत्रीय राजस्व अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपने को कहा गया। सहकारिता विभाग की समीक्षा करते हुए उन्होंने प्राथमिक कृषि ऋण समितियों का कंप्यूटराइजेशन जल्द पूरा करने और ऑन सिस्टम ऑडिट तथा डे एंड क्लोजर को 100 प्रतिशत लागू करने में तेजी लाने के निर्देश दिए। बैठक में सचिव धीराज सिंह गर्ब्याल और अपर सचिव मेहरबान सिंह भी मौजूद रहे।