देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड की सांस्कृतिक और धार्मिक अस्मिता को बचाने के लिए राज्य सरकार ने कड़ा प्रहार किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर चलाए जा रहे ऑपरेशन कालनेमि ने पाखंड, ठगी और अवैध गतिविधियों में लिप्त तत्वों की नींद उड़ा दी है। इस अभियान के तहत अब तक तीन प्रमुख जिलों में 4 हजार 802 से अधिक लोगों का सत्यापन किया गया है और 511 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस दौरान अवैध रूप से रह रहे 19 बांग्लादेशी नागरिकों को भी पकड़ा गया है जिनमें से 10 को डिपोर्ट कर दिया गया है और बाकी 9 पर कानूनी कार्रवाई चल रही है।
10 जुलाई से शुरू हुआ यह अभियान हरिद्वार, देहरादून और उधमसिंह नगर जैसे संवेदनशील जिलों में पूरी सख्ती के साथ लागू किया गया है। आंकड़ों के मुताबिक सबसे ज्यादा कार्रवाई हरिद्वार में हुई जहां 3 हजार 91 व्यक्तियों का सत्यापन किया गया। यहां 715 मामलों में मुकदमे दर्ज किए गए और 305 लोगों को गिरफ्तार किया गया। देहरादून में भी पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए 1711 लोगों का सत्यापन किया और 206 गिरफ्तारियां कीं। यहां 9 मुकदमे दर्ज हुए और 380 लोगों के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई की गई। उधमसिंह नगर में 220 संदिग्ध लोगों पर कार्रवाई करते हुए गंभीर मामलों में मुकदमे दर्ज किए गए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का साफ कहना है कि उत्तराखंड करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है और इसकी गरिमा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह अभियान किसी वर्ग या समुदाय के खिलाफ नहीं है बल्कि यह कानून व्यवस्था और देवभूमि की पवित्रता बनाए रखने के लिए है। मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा कि आस्था का सम्मान होगा लेकिन इसकी आड़ में अपराध और धोखाधड़ी को संरक्षण नहीं मिलेगा। उन्होंने अधिकारियों को निरंतर निगरानी रखने और दोषियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।