बागेश्वर। उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के चौगांवछीना इलाके में उस वक्त सनसनी फैल गई जब एक पूर्व सैनिक का शव उनके ही घर के कमरे में संदिग्ध परिस्थितियों में बरामद हुआ। वह घर में अकेले रहते थे। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को अपने कब्जे में ले लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। शुरुआती जांच में आशंका जताई जा रही है कि कमरे में जलाई गई आग के धुएं से दम घुटने के कारण उनकी मौत हुई होगी।
मृतक की पहचान 59 वर्षीय पूर्व फौजी जीत सिंह रावत के रूप में हुई है जो चौगांवछीना के ही निवासी थे। घटना की जानकारी तब हुई जब गुरुवार की शाम उनके बेटे उन्हें बार-बार फोन कर रहे थे लेकिन जीत सिंह का मोबाइल नहीं उठ रहा था। चिंतित होकर बेटों ने अपने चचेरे भाई ईश्वर सिंह को फोन किया और पिता का हालचाल जानने के लिए घर भेजा।
जब ईश्वर सिंह घर पहुंचे तो उन्होंने पाया कि घर का दरवाजा अंदर से बंद था। काफी आवाज देने पर भी जब कोई हलचल नहीं हुई तो उन्होंने खिड़की से अंदर झांककर देखा। अंदर का नजारा देखकर उनके होश उड़ गए क्योंकि जीत सिंह रावत जमीन पर बेसुध गिरे पड़े थे। घबराए ईश्वर सिंह ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस टीम मौके पर पहुंची और दरवाजा तोड़कर घर के अंदर दाखिल हुई। जांच करने पर पता चला कि जीत सिंह रावत की मौत हो चुकी थी।
पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जिला अस्पताल बागेश्वर पहुंचाया और उसे पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखवा दिया है। स्थानीय लोगों और पुलिस के मुताबिक जीत सिंह रावत ने रात को सोने से पहले ठंड से बचने के लिए कमरे में आग जलाई थी। चूंकि दरवाजा और खिड़कियां बंद थीं इसलिए धुएं के कारण दम घुटने से मौत होने की प्रबल संभावना जताई जा रही है। हालांकि पुलिस का कहना है कि मौत का असली कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही साफ हो पाएगा।
मृतक जीत सिंह रावत के दो बेटे हैं और दोनों ही देश की सेवा में हैं। एक बेटा नेवी में है और दूसरा आर्मी में कार्यरत है। उनकी बहू मंडलसेरा के पीपलचौक में रहती हैं। परिजनों ने बताया कि दोनों बेटों के घर पहुंचने के बाद ही पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। पुलिस हर पहलू से मामले की जांच कर रही है ताकि सच्चाई सामने आ सके।