नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और 140 करोड़ भारतीयों को बधाई दी. यह दिन राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है और 2014 से हर साल 31 अक्टूबर को पटेल की जयंती पर आयोजित होता है. प्रधानमंत्री ने गुजरात के एकता नगर में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर पुष्पांजलि अर्पित की.
राष्ट्रीय एकता दिवस परेड में बोलते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आजादी के बाद सरदार पटेल ने 550 से अधिक रियासतों को भारतीय संघ में मिलाने का लगभग असंभव कार्य पूरा किया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि करोड़ों लोगों ने एकता की शपथ ली है, और देश एकता को मजबूत करने वाले कार्यों को बढ़ावा देगा. उन्होंने कहा कि हर नागरिक को ऐसी हर सोच या कार्य को छोड़ना होगा जो देश की एकता को कमजोर करता हो, क्योंकि यह समय की मांग है.
प्रधानमंत्री मोदी ने “एकता दिवस” को प्रेरणा और गर्व का पल बताया. उन्होंने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाने के समान ही एकता दिवस के महत्व को रेखांकित किया. उन्होंने एकता नगर में एकता मॉल और एकता गार्डन का जिक्र किया, जो एकता के सूत्र को मजबूत करते दिखते हैं. देशभर में हो रही “एकता दौड़ – रन फॉर यूनिटी” में करोड़ों भारतीयों के उत्साह को देखते हुए, मोदी ने कहा कि हम नए भारत की संकल्प शक्ति को साक्षात महसूस कर रहे हैं.
अपने संबोधन में, प्रधानमंत्री मोदी ने सरदार पटेल के इस विश्वास को दोहराया कि इतिहास लिखने में समय बर्बाद नहीं करना चाहिए, बल्कि इतिहास बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि पटेल की नीतियां और निर्णय हमेशा नया इतिहास रचते थे. उन्होंने यह भी कहा कि पटेल ने कश्मीर को भारत में विलय करने की इच्छा व्यक्त की थी, लेकिन तत्कालीन नेतृत्व ने ऐसा नहीं होने दिया. प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि यह लौह पुरुष सरदार पटेल का भारत है, जो अपनी सुरक्षा और सम्मान से कभी समझौता नहीं करेगा.
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