नई दिल्ली। वैश्विक मंच पर दो बड़े देशों, अमेरिका और ब्राजील के बीच एक बड़ा व्यापारिक और राजनयिक तनाव खड़ा हो गया है। इस तनाव का केंद्र अमेरिका द्वारा ब्राजील पर लगाया गया 50 प्रतिशत का भारी-भरकम टैरिफ है, जिसके बाद ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा ने बेहद सख्त रुख अपना लिया है। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस प्रस्ताव को सीधे तौर पर खारिज कर दिया है, जिसमें ट्रंप ने कहा था कि लूला टैरिफ के मुद्दे पर उनसे कभी भी बात कर सकते हैं।
इस घटनाक्रम ने दोनों देशों के संबंधों में गहरी खटास पैदा कर दी है। राष्ट्रपति लूला ने टैरिफ लागू होने वाले दिन को अमेरिका और ब्राजील के इतिहास का “सबसे दुखद दिन” करार दिया। ब्रासीलिया में एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि ब्राजील अपने हितों की रक्षा के लिए हर संभव मंच का उपयोग करेगा, जिसमें विश्व व्यापार संगठन (WTO) में अमेरिका के खिलाफ शिकायत दर्ज करना भी शामिल है। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि उनकी सरकार अब अपनी विदेश व्यापार नीति को नए सिरे से आकार दे रही है और ब्रिक्स (BRICS) देशों के साथ व्यापारिक अवसरों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
ट्रंप से नहीं, मोदी-जिनपिंग से होगी बात
राष्ट्रपति लूला ने अपने इरादे साफ करते हुए कहा कि वह इस मुद्दे पर डोनाल्ड ट्रंप से बात करने के मूड में नहीं हैं, क्योंकि उनका मानना है कि ट्रंप बातचीत के लिए गंभीर या तैयार नहीं हैं। इसके बजाय, उन्होंने एक बड़ा भू-राजनीतिक संदेश देते हुए कहा, “मैं चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को फोन करूंगा, मैं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन करूंगा। मैं पुतिन को नहीं बुलाऊंगा, क्योंकि वह अभी यात्रा नहीं कर सकते। लेकिन मैं कई और राष्ट्रपतियों से बात करूंगा।”
लूला का यह बयान वैश्विक शक्ति संतुलन में हो रहे बदलाव की ओर इशारा करता है। ब्रिक्स, जिसमें भारत, चीन और रूस जैसे प्रमुख देश शामिल हैं, को अक्सर पश्चिमी देशों, विशेषकर अमेरिकी डॉलर के प्रभुत्व को चुनौती देने वाले एक मंच के रूप में देखा जाता है। ट्रंप प्रशासन ने भी ब्रिक्स की नीतियों का समर्थन करने वाले देशों पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी दी है, जिससे यह तनाव और गहरा गया है।
कूटनीतिक दरवाजा खुला रखने की कोशिश
हालांकि, कड़े रुख के बावजूद, लूला ने कूटनीति का दरवाजा पूरी तरह बंद नहीं किया है। उन्होंने एक नरम कदम उठाते हुए कहा कि वह डोनाल्ड ट्रंप को नवंबर में ब्राजील के बेलेम शहर में होने वाले COP30 जलवायु शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित करेंगे। उन्होंने कहा, “मैं ट्रंप को COP30 के लिए आमंत्रित करूंगा और जलवायु परिवर्तन पर उनकी राय जानना चाहूंगा। अगर वह नहीं आते हैं, तो यह उनकी मर्जी है, लेकिन मेरी तरफ से कोई कमी नहीं रखी जाएगी।”
लूला ने यह भी स्पष्ट किया कि ब्राजील अमेरिका के साथ टैरिफ पर बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन यह बातचीत “बराबरी और आपसी सम्मान” के आधार पर ही होगी। दूसरी ओर, ट्रंप ने भी व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा था कि “लूला मुझसे कभी भी बात कर सकते हैं,” लेकिन साथ ही उन्होंने ब्राजील की सरकार पर गलत फैसले लेने का आरोप लगाया। यह पूरा प्रकरण दिखाता है कि दोनों देशों के बीच व्यापारिक विवाद अब एक बड़े भू-राजनीतिक टकराव का रूप ले चुका है।
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