Himachal: “राजस्व रिकॉर्ड की भूमि वन भूमि नहीं”, किसानों ने मंत्री के समक्ष उठाई मांग; सरकार ने दिया आश्वासन

शिमला: हिमाचल प्रदेश के किसानों और बागवानों को पेश आ रही विभिन्न चुनौतियों, विशेष रूप से भूमि संबंधी विवादों को लेकर आज यहां एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। प्रदेश के राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने सेब उत्पादक संघ, संयुक्त किसान मंच और किसान सभा के प्रतिनिधियों के साथ विस्तृत चर्चा की। बैठक में किसानों ने अपनी समस्याओं को पुरजोर तरीके से उठाया, जिस पर सरकार ने हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।

किसानों ने रखी अपनी प्रमुख मांगें

किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने बैठक का मुख्य फोकस भूमि के वर्गीकरण से जुड़े विवाद पर रखा। उनकी सबसे प्रमुख मांग यह थी कि गांवों में जो जमीन राजस्व रिकॉर्ड में व्यक्तियों के नाम पर दर्ज है, उसे किसी भी सूरत में वन भूमि नहीं माना जाना चाहिए। उन्होंने तर्क दिया कि वर्षों से किसान इन जमीनों पर खेती और बागवानी करते आ रहे हैं और राजस्व रिकॉर्ड इसका प्रमाण है।

प्रतिनिधियों ने सर्वोच्च न्यायालय के विभिन्न फैसलों का हवाला देते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति को उसकी जमीन से बेदखल करने से पहले उचित प्रक्रिया का पालन करना अनिवार्य है। इसके तहत सबसे पहले भूमि का सही तरीके से सीमांकन (Demarcation) किया जाना चाहिए और पूरी कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही बेदखली की कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने राज्य सरकार से यह भी अनुरोध किया कि किसानों और बागवानों की ओर से अदालतों में लंबित भूमि संबंधी मामलों में सरकार सक्रिय रूप से उनकी पैरवी करे और उनके हितों की रक्षा करे।

सरकार ने दिया हरसंभव मदद का भरोसा

राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने सभी किसान प्रतिनिधियों की बातों को धैर्यपूर्वक सुना और उन्हें विश्वास दिलाया कि राज्य सरकार उनकी चिंताओं को दूर करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, “सरकार किसानों और बागवानों के हितों की रक्षा के लिए वचनबद्ध है और उनके पक्ष में उचित निर्णय लिए जाएंगे।”

मंत्री ने एक ठोस कदम उठाते हुए यह भी घोषणा की कि जल्द ही अतिरिक्त मुख्य सचिव (वन एवं राजस्व) इन सभी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ एक और विस्तृत बैठक करेंगे। इस बैठक में प्रत्येक मुद्दे पर गहराई से विचार-विमर्श किया जाएगा ताकि समस्याओं का स्थायी समाधान निकाला जा सके।

इस महत्वपूर्ण बैठक में विधायक हरीश जनारथा, पूर्व विधायक राकेश सिंघा, अतिरिक्त मुख्य सचिव (वन एवं राजस्व) कमलेश कुमार पंत, संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान, किसान सभा के अध्यक्ष कुलदीप तंवर और किसान उत्पादक संघ के अध्यक्ष सोहन ठाकुर समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।

 

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