लंदन।
भारत और ब्रिटेन ने द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ते हुए आज एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर हस्ताक्षर किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके ब्रिटिश समकक्ष कीर स्टारमर की उपस्थिति में हुए इस समझौते से दोनों देशों के बीच व्यापार को नई ऊंचाइयों पर ले जाने और व्यापारियों समेत आम लोगों को बड़े फायदे मिलने की उम्मीद है।
इस समझौते से दोनों देशों के बीच द्विप-क्षीय व्यापार में सालाना लगभग 34 अरब अमेरिकी डॉलर की वृद्धि होने का अनुमान है। साथ ही, यह 2030 तक दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार को दोगुना कर 120 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने में भी मदद करेगा। यह समझौता 14 साल की लंबी बातचीत के बाद सफल हुआ है, जो दोनों देशों की मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति को दर्शाता है।
भारतीय उपभोक्ताओं को क्या होगा फायदा?
इस समझौते का सबसे बड़ा लाभ आम भारतीय उपभोक्ताओं को मिलेगा। ब्रिटेन से भारत आने वाले कई सामानों पर आयात शुल्क (Import Duty) काफी कम हो जाएगा, जिससे वे भारतीय बाजार में सस्ते हो जाएंगे। इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
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स्कॉच व्हिस्की
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चॉकलेट और बिस्किट
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सालमन मछली
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कॉस्मेटिक उत्पाद
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मेडिकल उपकरण
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लग्जरी कारें
इन उत्पादों पर टैरिफ घटने से भारतीय उपभोक्ताओं के लिए ये चीजें अधिक सुलभ हो जाएंगी और बाजार में प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी।
भारतीय निर्यातकों के लिए खुलेंगे नए रास्ते
वहीं, इस डील से भारतीय निर्यातकों के लिए भी ब्रिटेन के बाजार के दरवाजे और अधिक खुल जाएंगे। अधिकारियों के अनुसार, इस एफटीए से भारत के लगभग 99 प्रतिशत निर्यात को टैरिफ से लाभ मिलने की उम्मीद है। इसका मतलब है कि भारत से ब्रिटेन जाने वाले अधिकांश सामानों पर अब कोई या बहुत कम टैरिफ लगेगा। इससे इन भारतीय उत्पादों का ब्रिटेन को रियायती दरों पर निर्यात संभव होगा, जिससे इन क्षेत्रों में उत्पादन और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा:
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चमड़ा और जूते
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ऑटो पार्ट्स
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समुद्री उत्पाद (सीफूड)
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खिलौने
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कपड़ा उद्योग
ब्रिटिश पीएम ने बताया ‘ऐतिहासिक डील’
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने इस समझौते को दोनों देशों के लिए एक बड़ी जीत बताते हुए कहा, “यह एक ऐसा समझौता है, जिससे दोनों देशों को भारी लाभ होगा, वेतन में वृद्धि होगी, जीवन स्तर में सुधार होगा और कामकाजी लोगों की जेब में ज्यादा पैसा आएगा। यह नौकरियों के लिए अच्छी डील है, यह व्यापार के लिए अच्छा है, यह टैरिफ में कटौती करेगा और व्यापार को और आसान बनाएगा।”
हालांकि, समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद, इसे पूरी तरह से प्रभावी होने से पहले ब्रिटिश संसद से अनुमोदन की आवश्यकता होगी। इस प्रक्रिया में लगभग एक वर्ष का समय लग सकता है। इसके बाद यह समझौता दोनों देशों के बीच व्यापार के एक नए युग की शुरुआत करेगा।
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