अयोध्या के राम मंदिर परिसर में नवनिर्मित पूरक मंदिरों में गंगा दशहरा के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा की। गुरुवार को सुबह 11:25 से 11:40 बजे के बीच संपन्न हुए इस अनुष्ठान के साथ रामनगरी के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया। गंगा दशहरा के दिन रामेश्वरम की भी प्राण प्रतिष्ठा हुई थी, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया।
सुबह छह बजे से ही प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान आरंभ हो गया था, और सभी देवताओं का पूजन यज्ञमंडप में संपन्न किया गया। मुख्यमंत्री ने सभी विग्रहों का अभिषेक कर राजा राम की मूर्ति से आवरण हटाया। राजा राम को आभूषणों से भव्य श्रृंगार किया गया। इस पावन अवसर पर अयोध्या के 19 संत धर्माचार्य, राम मंदिर ट्रस्ट, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

राम दरबार की मूर्ति सिंहासन सहित सात फीट ऊँची है। सिंहासन लगभग साढ़े तीन फीट ऊँचा है, जबकि सीताराम की मूर्ति साढ़े चार फीट ऊँची है। सिंहासन पर स्थापित करने के बाद मूर्ति की ऊँचाई लगभग डेढ़ फीट कम हो गई है, जिससे कुल ऊँचाई सात फीट हुई है। हनुमान और भरत की मूर्तियाँ बैठी हुई मुद्रा में हैं, और उनकी ऊँचाई ढाई फीट है। लक्ष्मण और शत्रुघ्न की मूर्तियाँ खड़ी मुद्रा में हैं और तीन-तीन फीट ऊँची हैं।
इस प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही, शताब्दियों के संघर्ष के बाद रामनगरी अपने पुरातन वैभव को प्राप्त करने की ओर अग्रसर हो रही है। बालक राम के बाद अब राजा राम की प्राण प्रतिष्ठा हो जाने से राम मंदिर का निर्माण कार्य पूर्णता की ओर बढ़ रहा है और आने वाले समय में यह करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र बनेगा।
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