कांग्रेस नेता शशि थरूर ने अमेरिका में अपने खिलाफ पार्टी के भीतर उठ रही आलोचनाओं पर पहली बार प्रतिक्रिया दी है। एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में अमेरिका दौरे पर गए थरूर पर कुछ कांग्रेसी नेताओं ने सरकार का समर्थन करने का आरोप लगाया था। इस पर थरूर ने कहा कि अगर राष्ट्रहित में काम करना पार्टी विरोधी गतिविधि है, तो आरोप लगाने वालों को खुद से सवाल करने चाहिए।
थरूर इस प्रतिनिधिमंडल के साथ पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद आतंकवाद के खिलाफ भारत का पक्ष रखने के लिए अमेरिका गए हैं। केंद्र सरकार द्वारा थरूर को इस प्रतिनिधिमंडल में शामिल किए जाने पर कांग्रेस के कुछ नेताओं ने आपत्ति जताई थी। कुछ नेताओं ने उन्हें सरकार का “सुपर प्रवक्ता” तक कह दिया था।
थरूर ने इन आलोचनाओं का जवाब देते हुए कहा कि अगर कोई देश की सेवा कर रहा है तो उसे ऐसी बातों से फर्क नहीं पड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो लोग देशहित में काम करने को पार्टी विरोधी गतिविधि मानते हैं, उन्हें खुद से सवाल करने की ज़रूरत है। थरूर ने ज़ोर देकर कहा कि वह एक मिशन पर हैं और उन्हें उत्तेजना में दिए गए बयानों पर समय बर्बाद नहीं करना चाहिए।
भाजपा में शामिल होने की अटकलों पर थरूर ने कहा कि वह लोकसभा सांसद हैं और उनके कार्यकाल के अभी चार साल बाकी हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि ऐसे सवाल क्यों उठाए जा रहे हैं। राहुल गांधी के ट्रंप के फोन के बाद “सरेंडर” वाले बयान पर थरूर ने कहा कि लोकतंत्र में पार्टियां विरोध, आलोचना और मांग करती रहती हैं।
थरूर ने कहा कि देश में राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन देश की सीमा के बाहर सभी भारतीय एक हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह व्हाइट हाउस के साथ किसी तरह की जटिलता पैदा करने के लिए अमेरिका नहीं आए हैं।
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