लखनऊ: गोरखपुर की गोला तहसील में स्थापित हो रहे धुरियापार औद्योगिक क्षेत्र के मास्टर प्लान में बदलाव किया जाएगा ताकि बेहतर कनेक्टिविटी और परिवहन सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें।
औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने मंगलवार को लखनऊ के पिकअप भवन में प्रस्तावित मास्टर प्लान की समीक्षा की और सुधार के सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि रेलवे लाइन और एक्सप्रेस-वे की नजदीकी के कारण यह औद्योगिक क्षेत्र परिवहन का एक प्रमुख केंद्र बन सकता है।
मंत्री ने कहा कि सहजनवा से दोहरीघाट तक रेलमार्ग का विकास किया जा रहा है, जो इस औद्योगिक क्षेत्र के बीच से होकर गुजरता है। साथ ही, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे भी इसके निकट हैं। इसलिए, भविष्य में एक्सप्रेस-वे से इस औद्योगिक क्षेत्र की कनेक्टिविटी को ध्यान में रखकर योजना बनाई जानी चाहिए।
गोला तहसील के 17 गांवों में 6876.68 एकड़ क्षेत्र में विकसित हो रहे इस औद्योगिक क्षेत्र के प्रस्तावित मास्टर प्लान में औद्योगिक भूखंडों के लिए 32.15% और हरित क्षेत्र के लिए 16.5% भूमि निर्धारित की गई है, जो मानकों से अधिक है।

अधिकारियों ने बताया कि पर्यावरणीय मंजूरी के लिए आवेदन की प्रक्रिया के साथ-साथ भूमि अधिग्रहण का कार्य भी चल रहा है। अब तक लगभग 500 करोड़ रुपये का भुगतान करके ज़मीन का अधिग्रहण किया जा चुका है।
धुरियापार औद्योगिक क्षेत्र में तीन बड़ी कंपनियों ने निवेश का प्रस्ताव दिया है:
-
कियान डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड: 180 एकड़ भूमि पर 4200 करोड़ रुपये का निवेश (एथेनॉल उत्पादन)
-
अडानी समूह (अंबुजा सीमेंट): 65 एकड़ भूमि पर 1500 करोड़ रुपये का निवेश
-
श्री सीमेंट: 50 एकड़ भूमि पर 800 करोड़ रुपये का निवेश
बैठक में प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास आलोक कुमार, सचिव औद्योगिक विकास प्रांजल यादव, सीईओ इन्वेस्ट यूपी विजय किरण आनंद, सीईओ गीडा अनुज मलिक सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
Pls read:Uttarpradesh: ट्रक के पहिये में फंसकर युवक की मौत, दूसरा घायल