लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बोधि यात्रा दक्षिण-पूर्वी एशिया के पांच प्रमुख देशों – कंबोडिया, लाओस, वियतनाम, म्यांमार और थाईलैंड – के साथ भारत के संबंधों को और मजबूत करेगी। यह यात्रा केवल पर्यटन को बढ़ावा देने का साधन नहीं है, बल्कि भारत और मेकांग-गंगा सहयोग के सदस्य देशों के बीच स्वास्थ्य, शिक्षा और सांस्कृतिक संबंधों को भी प्रगाढ़ करेगी।
अपने सरकारी आवास पर बोधि यात्रा पर आए पांच देशों के प्रतिनिधियों से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान बुद्ध ने दुनिया को अहिंसा, मैत्री और करुणा का संदेश दिया। यह यात्रा बुद्ध के इन संदेशों को व्यापकता और मजबूती प्रदान कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेकांग-गंगा सहयोग 25 साल पहले शुरू हुआ था। यह बोधि यात्रा पर्यटन के साथ-साथ भगवान बुद्ध के संदेशों को फैलाने का भी माध्यम बनी है।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में भगवान बुद्ध से जुड़े अनेक स्थल हैं, जिनमें सारनाथ, कुशीनगर, कपिलवस्तु, श्रावस्ती, संकिसा, कौशाम्बी, देवदह, ललितपुर का देवगढ़, बरेली का अहिच्छत्र प्रमुख हैं। सारनाथ में बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था, कुशीनगर उनकी महापरिनिर्वाण स्थली है और कपिलवस्तु उनका साम्राज्य था। श्रावस्ती में उन्होंने सबसे अधिक चातुर्मास व्यतीत किए थे। ये सभी स्थल आज भी देश और दुनिया के लिए प्रेरणा के केंद्र हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने बुद्ध के उपदेशों को आगे बढ़ाने के लिए कई कार्य किए हैं। लखनऊ में बौद्ध विहार शांति उपवन और अंतरराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान है। एनसीआर में गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय है और कुशीनगर में भी बुद्ध के नाम पर एक विश्वविद्यालय बनाया जा रहा है। कुशीनगर में एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा भी है।
बोधि यात्रा लखनऊ से सारनाथ जाएगी। यह यात्रा विदेश मंत्रालय, उत्तर प्रदेश पर्यटन और बिहार पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित की गई है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को ‘एक जिला एक उत्पाद’ योजना के तहत बने उत्पाद भेंट किए। पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह और प्रमुख सचिव मुकेश कुमार मेश्राम सहित अन्य अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।