मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत मामले में वह कुछ नहीं कहेंगे क्योंकि इसकी जांच CBI कर रही है। हालांकि, उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच के लिए पहले गठित पुलिस एसआईटी ने अच्छा काम किया है और अपनी रिपोर्ट उच्च न्यायालय को सौंपी है, न कि सरकार को। मुख्यमंत्री ने भाजपा पर हर मुद्दे का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार किसी भी मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करती।
मुख्यमंत्री ने हरिपुर में एक जनसभा के बाद पत्रकारों से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने बताया कि कुछ कार्यालय शिमला से धर्मशाला स्थानांतरित कर दिए गए हैं और आगे भी कुछ और कार्यालय स्थानांतरित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कांगड़ा के विकास में जो कमियां रह गई हैं, उन्हें आने वाले समय में पूरा किया जाएगा।
एसीएस ओंकार शर्मा और शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी को छुट्टी पर भेजने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़ी गलती करने वालों को बड़ी सजा मिलती है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को छुट्टी पर भेजा गया है इसका मतलब है कि उन्होंने गलती की होगी। कई बार इंसान भावुक होकर गलती कर बैठता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि छुट्टी पर भेजे गए अधिकारियों को माफ नहीं किया जाएगा, लेकिन उनके मामले का अध्ययन करने के बाद उनकी वापसी पर फैसला लिया जाएगा।

देहरा को जिला बनाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरा विधानसभा क्षेत्र में कई कार्यालय आ रहे हैं और आगे भी और कार्यालय स्थानांतरित किए जाएंगे। भविष्य की स्थिति को देखते हुए जिला बनाने पर फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कांगड़ा जिला 15 विधायकों का नेतृत्व करता है और सरकार इसे पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित कर रही है। पहले चरण में हवाई अड्डे का विस्तार किया जा रहा है और दूसरे चरण में बनखंडी में चिड़ियाघर का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा और भी कई परियोजनाएं प्रस्तावित हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पौंग बांध विस्थापितों की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में पूरे जोर-शोर से लड़ेगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल का पानी “बहता सोना” है और उन्होंने प्रधानमंत्री से मिलकर पानी की रॉयल्टी 12% करने की मांग की है, जो उनके अनुसार राज्य का अधिकार है।
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