शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने चेतावनी दी है कि राज्य सरकार अधिकारियों के स्तर पर अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं करेगी. विमल नेगी मौत मामले की जांच में तालमेल नहीं बनाने वाले अधिकारियों को नोटिस जारी किए जाएंगे और उनसे जवाब मांगा जाएगा.
कुल्लू में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि एडवोकेट जनरल अनूप रतन के माध्यम से हाईकोर्ट में जिस तरह से शपथ पत्र दाखिल किए जाने चाहिए थे, उसमें अधिकारियों ने तालमेल की कमी दिखाई. उन्होंने शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी द्वारा आयोजित पत्रकार वार्ता को भी अनुशासनहीनता कराार दिया. उन्होंने कहा कि अधिकारियों के आचरण का आकलन करने वाली समिति की सिफारिशों के आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने यह भी संकेत दिया कि अधिकारियों को निलंबित करने जैसे कठोर कदम भी उठाए जा सकते हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अच्छा काम करने वाले अधिकारियों को पुरस्कृत करना चाहती है और काम में ढिलाई बरतने वालों पर कार्रवाई करना चाहती है.
उन्होंने यह भी बताया कि सरकार आउटसोर्स भर्ती प्रक्रिया को बंद करके गुजरात मॉडल अपनाने पर विचार कर रही है. सरकार युवाओं के लिए 25,000 नए रोजगार के अवसर पैदा करने पर काम कर रही है.
मंत्रिमंडल विस्तार के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस आलाकमान की अनुमति मिलने के बाद ही इस पर कोई फैसला लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश के मंत्री अच्छा काम कर रहे हैं, इसलिए किसी को हटाने की संभावना कम है. सरकार कर्मचारियों को जल्द ही महंगाई भत्ता भी देगी.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के कार्यकाल के बारे में बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका कार्यकाल पूरा हो चुका है, लेकिन उन्हें फिर से अध्यक्ष बनाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि संगठन और सरकार की अपनी-अपनी जिम्मेदारियां हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने संगठन में रहते हुए अनुशासन का महत्व सीखा है और सरकार में भी किसी भी स्तर पर अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं करेंगे.
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