शिमला: हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत मामले की जांच हाईकोर्ट ने CBI को सौंप दी है। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की अदालत ने शुक्रवार को यह फैसला सुनाया। अदालत ने आदेश दिया कि CBI जांच टीम में हिमाचल कैडर का कोई भी अधिकारी शामिल नहीं होगा।
विमल नेगी की पत्नी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी कि उनके पति की रहस्यमय परिस्थितियों में मौत हुई है और इसकी निष्पक्ष जांच नहीं हो रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार मौत पोस्टमार्टम किए जाने से करीब पांच दिन पहले हुई थी। विमल नेगी 10 मार्च से लापता थे। उनका शव 18 मार्च को मिला और 19 मार्च को पोस्टमार्टम हुआ। परिवार का आरोप है कि एसआईटी 10 से 14 मार्च तक विमल के ठिकाने की जांच नहीं कर रही थी और उन्होंने जिन विशिष्ट लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी, उनके नाम एफआईआर में शामिल नहीं किए गए।
अदालत ने शिमला पुलिस को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि दो महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंची। अतिरिक्त मुख्य सचिव और DGP की रिपोर्ट में पावर कॉरपोरेशन के तत्कालीन प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा और निलंबित निदेशक देशराज पर गंभीर आरोप लगे हैं।
पिछले बुधवार को हाईकोर्ट ने टिप्पणी की थी कि DGP और SP के आपसी टकराव के कारण मामले में न्याय मिलने में देरी हो रही है। अदालत ने कहा कि न्याय होना ही नहीं चाहिए, बल्कि होता हुआ दिखना भी चाहिए। DGP, SP शिमला और ACS ओंकार शर्मा की जांच रिपोर्ट पर सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने मामले की जांच CBI को सौंपने का फैसला सुरक्षित रखा था और शुक्रवार को आदेश पारित कर दिया।
मामले में अब तक क्या-क्या हुआ:
-
10 मार्च 2025: विमल नेगी एचपीपीसीएल कार्यालय में हाजिरी लगाने के बाद टैक्सी से बिलासपुर गए।
-
11 मार्च: थाना सदर में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज।
-
15 मार्च: DGP ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया।
-
18 मार्च: विमल नेगी का शव गोबिंद सागर झील से बरामद।
-
19 मार्च: एम्स बिलासपुर में पोस्टमार्टम। परिजनों ने एचपीपीसीएल मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। देशराज, हरिकेश मीणा और शिवम प्रताप सिंह के खिलाफ मामला दर्ज। देशराज निलंबित, हरिकेश मीणा को पद से हटाया गया। एक सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति का गठन।
-
20 मार्च: विमल नेगी का अंतिम संस्कार। SP शिमला ने SIT का गठन किया।
-
26 मार्च: हाईकोर्ट ने देशराज की अग्रिम जमानत याचिका खारिज की।
-
4 अप्रैल: देशराज को सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत मिली।
-
7 अप्रैल: CBI जांच को लेकर मृतक की पत्नी हाईकोर्ट पहुंची।
-
21 अप्रैल: परिजन CBI जांच की मांग को लेकर हाईकोर्ट पहुंचे।
-
20 मई: हाईकोर्ट ने शिमला पुलिस को बिना अनुमति चार्जशीट दायर नहीं करने के आदेश दिए।
-
21 मई: हाईकोर्ट ने CBI जांच की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा। DGP ने हलफनामे में शिमला पुलिस की SIT पर सवाल उठाए।
-
23 मई: हाईकोर्ट ने CBI जांच के आदेश दिए।
विमल नेगी के भाई सुरेंद्र नेगी ने कहा कि जिन अधिकारियों ने मामले को दबाने की कोशिश की, उनके खिलाफ वे दोबारा सड़कों पर उतरेंगे। विमल नेगी न्याय मंच ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है।
Pls read:Himachal: सीएम सुक्खू ने केंद्रीय वित्त मंत्री से मुलाकात की, हिमाचल के हितों से जुड़े मुद्दे उठाए