देहरादून: उत्तर प्रदेश में बर्ड फ्लू के बढ़ते मामलों के मद्देनजर देहरादून चिड़ियाघर प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए चिकन की आपूर्ति बंद कर दी है। अब तेंदुए और बाघ को बीफ़ दिया जा रहा है। इसका स्वाद बढ़ाने के लिए बाजार से रेडी टू ईट ग्रेवी भी मंगाई जा रही है।
चिड़ियाघर में बाहर से बचाए गए किसी भी पक्षी को नहीं लाया जा रहा है और बीमार पक्षियों को क्वारंटाइन कर दिया गया है। पूरे चिड़ियाघर परिसर को नियमित रूप से सेनिटाइज किया जा रहा है।
लगभग 25 हेक्टेयर में फैले देहरादून चिड़ियाघर में रॉयल बंगाल टाइगर और तेंदुए के जोड़े सहित कई मांसाहारी वन्यजीव हैं। दोनों रॉयल बंगाल टाइगर (डी-2 और डी-5) को पहले से ही बीफ़ खिलाया जाता था, लेकिन अब तेंदुए के जोड़े (राजा और रानी) समेत अन्य वन्यजीवों के आहार से भी चिकन को पूरी तरह हटा दिया गया है। देहरादून चिड़ियाघर में चिकन की आपूर्ति आमतौर पर उत्तर प्रदेश के पास के इलाकों से होती थी, जिसे बर्ड फ्लू के कारण बंद कर दिया गया है।
चिड़ियाघर के वरिष्ठ पशु चिकित्सक प्रदीप मिश्रा ने बताया कि तेंदुए, मगरमच्छ, सांप और बड़े पक्षियों (गिद्ध, बाज, चील आदि) को चिकन की जगह बीफ़ दिया जा रहा है। मांस के छोटे-छोटे टुकड़े करके उसे ग्रेवी के साथ परोसा जा रहा है। इसके अलावा, पूरे परिसर में स्प्रे मशीनों से सेनिटाइजेशन किया जा रहा है और पशुपालन विभाग से भी नियमित संपर्क किया जा रहा है। हालांकि अभी तक उत्तराखंड में बर्ड फ्लू का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन एहतियात के तौर पर सभी ज़रूरी कदम उठाए जा रहे हैं। चिड़ियाघर की सभी व्यवस्थाओं की जानकारी प्रभागीय वन अधिकारी नीरज कुमार को भी नियमित रूप से दी जा रही है।