नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) अलंकरण समारोह में बल के जवानों की बहादुरी की सराहना की और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बीएसएफ को देश की दो सबसे चुनौतीपूर्ण सीमाओं – बांग्लादेश और पाकिस्तान – की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिसे बल ने बखूबी निभाया है।
शाह ने कहा कि 1965 से लेकर अब तक 2,000 से अधिक बीएसएफ जवानों ने देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी है, जिनके सर्वोच्च बलिदान को पूरा राष्ट्र नमन करता है। उन्होंने कहा कि बीएसएफ दुनिया का सबसे बड़ा सीमा सुरक्षा बल है जो लगभग 2.75 लाख कर्मियों के साथ देश की सीमाओं की रक्षा करता है। बीएसएफ देशभक्ति की उत्कृष्ट मिसाल है जो तमाम कठिनाइयों के बावजूद विश्व में सर्वश्रेष्ठ बल बनकर उभरा है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ – प्रधानमंत्री की दृढ़ इच्छाशक्ति, खुफिया एजेंसियों और सेना का सामूहिक प्रयास:
अमित शाह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति, खुफिया एजेंसियों द्वारा उपलब्ध कराई गई सटीक जानकारी और सेना की मारक क्षमता के अद्भुत प्रदर्शन को दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद का भारत दशकों से सामना कर रहा है। 2014 में उरी हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक और पुलवामा हमले के बाद एयर स्ट्राइक करके भारत ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया।

पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा निर्दोष लोगों की हत्या के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया गया। इस ऑपरेशन में कुछ ही मिनटों में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट कर दिया गया, जिसमें दो आतंकी मुख्यालय भी शामिल थे। शाह ने स्पष्ट किया कि भारत ने केवल उन लोगों को दंडित किया जिन्होंने भारतीय धरती पर पाप किए थे, न कि पाकिस्तानी सेना के प्रतिष्ठानों या एयरबेस को निशाना बनाया।
पाकिस्तान का दोहरा चरित्र उजागर:
अमित शाह ने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवादियों पर हुए हमले को खुद पर हमला मानकर अपना दोहरा चरित्र उजागर कर दिया है। जब पाकिस्तानी सेना ने भारतीय ठिकानों पर हमला करने की कोशिश की, तो भारतीय सेना ने कड़ा जवाब दिया। बीएसएफ ने पाकिस्तान की हर गोली का जवाब गोले से दिया। इस प्रकार, भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया कि आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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