नई दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और कुछ पश्चिमी विश्लेषकों को स्पष्ट शब्दों में जवाब दिया है। ट्रंप और कुछ विश्लेषकों का मानना है कि भारत को पाकिस्तान और चीन के साथ सुरक्षा चिंताओं को दरकिनार कर आर्थिक सहयोग पर ध्यान देना चाहिए। जयशंकर ने इस विचार का खंडन करते हुए कहा कि भारत के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि किसी भी सरकार का पहला कर्तव्य अपनी भौगोलिक सीमाओं की सुरक्षा करना है।
पश्चिमी देशों को खरी-खरी सुनाई:
विदेश मंत्री ने पश्चिमी देशों की आलोचना करते हुए कहा कि सोवियत संघ के विघटन के बाद सुरक्षित माहौल में रहने के कारण वे भारत की सुरक्षा चिंताओं को नहीं समझ सकते। हालाँकि, यूक्रेन-रूस युद्ध के बाद अब उन्हें भी सुरक्षा संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
पाकिस्तान कट्टरपंथ को बढ़ावा देता है:
नीदरलैंड के एनओएस चैनल को दिए एक साक्षात्कार में जयशंकर से पूछा गया कि ट्रंप का मानना है कि अगर भारत चीन और पाकिस्तान के साथ तनाव कम कर आर्थिक संबंधों को बढ़ावा दे तो सभी देश अमीर हो सकते हैं। इस पर जयशंकर ने कहा कि यह एक मज़ेदार सवाल है। पश्चिमी देश अब यह महसूस कर रहे हैं कि लंबे समय तक सुरक्षा की अनदेखी करने के क्या परिणाम होते हैं। भारत की सुरक्षा चुनौतियाँ पश्चिमी देशों से कहीं ज़्यादा गंभीर हैं। हमारा क्षेत्र ज़्यादा कठिन है और यहाँ की परिस्थितियाँ ऐसी हैं जिनसे पश्चिमी देश दशकों से दूर रहे हैं। भारत के लिए सुरक्षा और आर्थिक प्रगति में से किसी एक को चुनने का सवाल ही नहीं है। किसी भी सरकार या देश के लोगों के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा हमेशा प्राथमिकता होती है। भारत के पड़ोसी देश, चीन और पाकिस्तान, मुश्किलें पैदा करते हैं। पाकिस्तान लगातार आतंकवाद का समर्थन करता है और कट्टर धार्मिकता को बढ़ावा देता है, जिसका इस्तेमाल वह भारत पर दबाव बनाने के लिए करता है।
भारत आर्थिक विकास को नज़रअंदाज़ नहीं कर रहा:
जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत अपने आर्थिक विकास को नज़रअंदाज़ नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि आर्थिक प्रगति किसी भी देश की बुनियाद पर निर्भर करती है और भारत इस मामले में सही स्थिति में है। भारत लगातार 6-8 प्रतिशत की आर्थिक विकास दर हासिल करने की स्थिति में है। देश की जनसांख्यिकी अच्छी है और भारत चार ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। ढांचागत क्षेत्र और मैन्युफैक्चरिंग में भी मज़बूती आ रही है। भारत की मज़बूत अर्थव्यवस्था कई आर्थिक साझेदारों को आकर्षित कर रही है।
PoK पर ही होगी बात:
पाकिस्तान के साथ संबंधों पर जयशंकर ने कहा कि आज़ादी के बाद से ही पाकिस्तान ने भारत में अपनी सेना भेजी थी। भारत पाकिस्तान के साथ आतंकवाद पर गंभीरता से बातचीत कर इसे खत्म करना चाहता है। कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और भारत अपने हिस्से पर किसी दूसरे देश से बात नहीं करेगा। हालाँकि, कश्मीर का एक हिस्सा पाकिस्तान के अवैध कब्ज़े में है, जिस पर भारत बातचीत कर सकता है। जब एक पत्रकार ने पूछा कि क्या राष्ट्रपति ट्रंप इसमें भूमिका निभा सकते हैं, तो जयशंकर ने स्पष्ट किया कि यह मुद्दा भारत और पाकिस्तान के बीच का है।
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